डोभाल के तालिबान प्लान से परेशान पाकिस्तान, चीन और रूस संग करेगा 'ट्रोइका प्लस' बैठक
भारत की अगुवाई में मध्य एशिया के देशों ने मिलकर अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर मंथन किया। जिसमें हालात सुधारने को लेकर मिलकर पहल करने का ऐलान किया गया। इसके साथ ही इशारों-इशारों में पाकिस्तान को चेतावनी भी दी गई कि वो अफगानिस्तान को लेकर कोई गड़बड़ी करने के मुगालते में न रहे। जिसके बाद पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तान के मुद्दे पर मीटिंग बुलाई है। पाकिस्तान की मीटिंग में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को भी बुलावा दिया गया है। दिलचस्प बात ये है कि समयबद्ध कारणों का हवाला देते हुए भारत द्वारा आयोजित एनएनए मीटिंग से किनारा करने वाला चीन अपने दोस्त पाकिस्तान के बुलावे पर अफगानिस्तान पर एक बैठक में भाग लेगा। पड़ोसी देश अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए पाकिस्तान 11 नवंबर को इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी करेगा। 'ट्रोइका प्लस' बैठक में सभी चार देशों के विशेष प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार यह पूछे जाने पर कि क्या चीन इस्लामाबाद में बैठक में भाग लेगा, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि "चीन चीन-अमेरिका-रूस इस विस्तारित बैठक की मेजबानी में पाकिस्तान का समर्थन करता है और शांति को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल सभी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का भी समर्थन करता है। अफगानिस्तान में स्थिरता आए इसके लिए सभी पक्षों के बीच आम सहमति बनाना महत्वपूर्ण है।
इस्लामाबाद में ट्रोइका प्लस की बैठक को लेकर पाक अधिकारियों का कहना है कि अफगान अधिकारियों संग जुड़ाव के लिए ये एक महत्वपूर्ण मंच है और ये समावेशी सरकार के लिए समर्थन व्यक्त करेगा। पाकिस्तान की तरफ से कहा हया है कि वो मानवाधिकार, महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा पर बात करेगा। इस बैठक में शामिल होने के लिए अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी इस्लामाबाद आए हैं।
गौरतलब है कि भारत ने अफगानिस्तान मसले पर सात देशों के एनएसए संग बैठक की थी। जिससे चीन और पाकिस्तान ने किनारा किया था। भारत की पहल पर रूस और ईरान समेत आठ देशों के साथ एनएसए स्तर की बैठक (दिल्ली डॉयलाग) के बाद अफगानिस्तान के कई मुद्दों पर आम सहमति बनाई। सभी देशों ने अफगानिस्तानि को सहयोग करने पर हामी भरी। 8 देशों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की धरती का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न हो।