कश्मीर फाइल्स पर शरद पवार बोले- ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया

RP, मनोरंजन, NewsAbhiAbhiUpdated 11-04-2022 IST
कश्मीर फाइल्स पर शरद पवार बोले- ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया

 मुंबई. कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ लगातार सुर्खियों में है. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में इतिहास रच दिया है. बड़ी संख्या में जनता इस फिल्म को प्यार दे रही है. लेकिन इसके बावजूद एक बड़ा तबका इस फिल्म की लगातार आलोचना भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने एक हफ्ते के अंदर लगातार दूसरी बार फिल्म की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया. इससे पहले उन्होंने कहा था कि ऐसी फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए थी.

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक शरद पवार ने रविवार को फिल्म की आलोचना करते हुए कहा, ‘एक शख्स ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को दिखाते हुए फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) बनाई. ये दर्शाता है कि बहुसंख्यक हमेशा अल्पसंख्यक पर हमला करते हैं और जब वह बहुमत मुस्लिम होता है, तो हिंदू समुदाय असुरक्षित हो जाता है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया.’

‘फिल्म को नहीं मिलनी चाहिए थी हर झंडी’
इससे पहले पिछले हफ्ते भी शरद पवार ने फिल्म की आलोचना की थी. अपनी पार्टी की दिल्ली इकाई के अल्पसंख्यक विभाग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ‘ऐसी फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी. लेकिन इसे टैक्स में छूट दी गई है और देश को एक रखने के लिए जिम्मेदार लोग, जनता को फिल्म देखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे लोगों में गुस्सा फूट रहा है.’

‘मुसलमानों को भी निशाना बनाया गया’
पवार ने ये भी कहा था कि ये सच है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़नी पड़ी, लेकिन मुसलमानों को भी इसी तरह निशाना बनाया गया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों पर हमलों के लिए जिम्मेदार थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भी कहा कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार वास्तव में कश्मीरी पंडितों की परवाह करती है, तो उसे उनके पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए और अल्पसंख्यकों के प्रति उनके मन में गुस्सा नहीं जगाना चाहिए.

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