रूसी युद्धपोत के डूबने के बाद उठे सवाल, क्या यह है तीसरा वर्ल्ड वॉर??

RP, देश-विदेश, NewsAbhiAbhiUpdated 19-04-2022 IST
रूसी युद्धपोत के डूबने के बाद उठे सवाल, क्या यह है तीसरा वर्ल्ड वॉर??

 रूस यूक्रेन जंग के बीच अब एक नया मोड़ आ गया है। फ‍िनलैंड और स्‍वीडन पर नाटो और रूस के मध्‍य तनातनी के बीच अब ब्‍लैक सी फ्लैगश‍िप युद्धपोत मोस्‍कवा के डूबने के बाद यह तनाव और बढ़ गया है। रूसी मीडिया ने युद्धपोत के डूबने को लेकर पश्चिमी देशों को जिम्‍मेदार ठहराया है। रूस में तो यह भी चर्चा है कि दुनिया में तीसरा विश्‍व युद्ध शुरू हो चुका है। एक मीडिया चैनल ने यहां तक कहा है कि पश्चिमी देश रूसियों का नामोनिशां मिटा देना चाहते हैं। उधर, रूसी ब्‍लैक सी में युद्धपोत के डूबने के बाद रूस रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपने आक्रामक रुख को और तेज करेगा। ऐसे में यह आशंका प्रबल हो जाती है कि क्‍या रूस यूक्रेन जंग अब एक नए विश्‍व युद्ध में तब्‍दील हो जाएगा। रूस की आक्रमकता को देखते हुए यह जंग क्‍या बड़ा आकार ग्रहण कर सकता है।

1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं यह रूस यूक्रेन संघर्ष का स्‍वरूप और आक्रामक होता जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि रूसी सेना की आक्रमकता दिनों दिन बढ़ रही है। इससे पश्चिमी देशों की सुरक्षा बड़ा विषय बन गया है। फ‍िनलैंड और स्‍वीडन के साथ रूसी युद्धपोत का ब्‍लैक सी में डूबने से यह तनाव चरम पर पहुंच गया है। हालात निश्चित रूप से चिंताजनक है। अमेरिका और पश्चिमी देश इस युद्ध को लेकर पूरी तरह से सक्रिय हैं। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि तीसरे विश्‍व युद्ध के आसार बने हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि इस समय रूस यूक्रेन जंग के हालात एकदम प्रतिकूल है।

2- उन्‍होंने कहा कि फ‍िलहाल रूसी सेना जब तक यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्‍जा नहीं कर लेती, तब तक वह किसी अन्‍य देश पर आक्रमण करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन अभी इस जंग को और बड़ा करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए फ‍िलहाल यह उम्‍मीद कम है कि तीसरा विश्‍व युद्ध शुरू हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि एक स्थिति और उत्‍पन्‍न हो सकती है कि यदि रूस यूक्रेन जंग में रूसी सेना को बड़ी क्षति होती है तो वह अपनी साख और सत्‍ता बचाने के लिए कुछ बड़े कदम उठा सकते हैं। प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन जंग को वहां के लोग वस्‍तुत: नाटो के साथ युद्ध मान रहे हैं। वहां सोशल मीडिया और प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष सरकार भी इस जंग को नाटो और अमेरिका के खिलाफ युद्ध मान रहे हैं। इसलिए इस युद्ध को रूसी एक विश्‍व युद्ध के रूप में देख रहे हैं।

3- उन्‍होंने कहा कि रूस, फ‍िनलैंड और स्‍वीडन जो पहले नाटो की सदस्‍यता का विरोध कर रहे थे, अब वह समर्थन में उतर आए हैं। उन्‍होंने कहा कि यह बदलाव यूक्रेन पर हमला और रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन की आक्रामकता का परिणाम है। इसका यूक्रेन के पड़ोसी देशों में यह संदेश गया है कि पुतिन की आक्रामकता का रुख कुछ भी कर सकता है। प्रो पंत ने कहा कि अब लोगों के अंदर एक भय है कि अगर रूस ने यूक्रेन की तरह उनके देश में हमला दिया तो क्‍या होगा। उन्‍होंने कहा कि यूक्रेन को भले ही पश्चिमी देशों और अमेरिका से आर्थिक और सैन्‍य सहयोग के साथ नैत‍िक समर्थन मिल रहा है, लेकिन नाटो में शामिल नहीं होने के कारण वह युद्ध में सीधे तौर पर मदद नहीं कर सकते।

रूसी मीडिया का दावा तीसरा विश्‍व युद्ध प्रारंभ

1- एक रूसी एंकर ओल्‍गा स्‍केबेयेवा ने कहा है क‍ि रूस यूक्रेन जंग से उपजे हालात निश्चित रूप से तीसरा विश्‍व युद्ध कहा जा सकता है। इस एंकर ने रूसी जनता को चेतावनी देते हुए कहा कि हम निश्चित रूप से नाटो के खिलाफ लड़ रहे हैं। एक अन्‍य रूसी मीडिया के एंकर ओल्‍गा स्‍केबेयेवा ने कहा है क‍ि रूस यूक्रेन जंग से उपजे हालात को निश्चित रूप से तीसरा विश्‍व युद्ध कहा जा सकता है। इस एंकर ने रूसी जनता को चेतावनी देते हुए कहा कि हम निश्चित रूप से नाटो के खिलाफ लड़ रहे हैं। एक अन्‍य रूसी टीवी शो वर्मेया पोकाजेट ने दावा किया है कि पश्चिमी देश यूक्रेन को अरबों डालर के हथियार दे रहे हैं। इस कारण कीव अब भी रूस को उकसाने के लिए खूनी और भयानक लड़ाई लड़ रहा है। इस शो के एंकर ओलेसा लोसेवा ने कहा कि पश्चिम का मानना है कि रूस एक ऐसा देश है जो दुनिया के नक्शे पर भी होने के योग्य नहीं है।

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2- उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देश चाहते हैं कि रूसियों का नामों-निशा इस धरती से मिट जाए। एक अन्‍य रूसी टीवी शो वर्मेया पोकाजेट ने दावा किया है कि पश्चिमी देश यूक्रेन को अरबों डालर के हथियार दे रहे हैं। इस कारण कीव अब भी रूस को उकसाने के लिए खूनी और भयानक लड़ाई लड़ रहा है। इस शो के एंकर ओलेसा लोसेवा ने कहा कि पश्चिम का मानना है कि रूस एक ऐसा देश है जो दुनिया के नक्शे पर भी होने के योग्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देश चाहते हैं कि रूसियों का नामों-निशा इस धरती से मिट जाए।

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