नवजोत सिंह सिद्धू को 1,000 रुपये के जुर्माने पर रिहा करने के अपने आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का आज फैसला

RP, देश , NewsAbhiAbhiUpdated 19-05-2022 IST
नवजोत सिंह सिद्धू को 1,000 रुपये के जुर्माने पर रिहा करने के अपने आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का आज फैसला

 चंडीगढ़. 1988 के रोड रेज मामले में पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को 1,000 रुपये के जुर्माने पर रिहा करने के अपने आदेश पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है. सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया था, लेकिन मृतक को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था. दरअसल कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 1998 के रोड रेज मामले में सजा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. पीड़ित के परिवार ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर सिद्धू को गंभीर अपराध के लिए सजा देने की मांग की थी. परिवार ने कहा था कि यह मारपीट या धक्‍का-मुक्‍की का मामला नहीं है, जबकि इसे गैर इरादतन हत्या या यहां तक कि हत्या जैसे गंभीर अपराध समझा जाना चाहिए.

सिद्धू ने SC में दोबारा दिया है हलफनामा
22 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने शीर्ष अदालत से कहा था कि ऐसा कोई निर्णायक सबूत नहीं है, जिससे पता चलता हो कि एक मुक्का मारने से 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई. सिद्धू ने कहा कि परिवार इस पुराने मामले को फिर से खोलने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास कर रहा है. सिद्धू के अदालत के समक्ष दायर हलफनामे में कहा गया है कि कोई निर्णायक सबूत नहीं है कि आरोपी की चोट के परिणामस्वरूप व्यक्ति की मृत्यु हुई, क्योंकि इस बात का कोई सबूत नहीं था कि मौत प्रतिवादी द्वारा एक ही झटके के कारण हुई थी.

पहले बरी हो चुके हैं सिद्धू
इस मामले की शुरुआत में सिद्धू पर हत्या का मुकदमा चलाया गया था, लेकिन निचली अदालत ने सितंबर 1999 में उन्हें बरी कर दिया था. इसके बाद में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उस फैसले को पलट दिया था और उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया था, जिससे सिद्धू को तीन साल की जेल की सजा हुई थी. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई, 2018 को अपने आदेश में उन्हें 1,000 रुपए के जुर्माने पर मुक्त कर दिया था.

पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगी की सिद्धू की सजा बढ़ाई जाए या नहीं. बता दें कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया. लेकिन चोट पहुंचाने के मामले में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.

बता दें कि साल 1988 में 27 दिसंबर को पटियाला में यह घटना हुई थी. जब सिद्धू ने बीच सड़क पर जिप्सी पार्क की हुई थी. जब पीड़ित और दो अन्य लोग बैंक से पैसा निकालने जा रहे थे तब सड़क पर जिप्सी देखकर सिद्धू से उसे हटाने को कहा. इसके बाद बहस शुरू हो गई. पुलिस का आरोप था कि इस दौरान सिद्धू ने पीड़ित के साथ मारपीट की और मौके से फरार हो गए. वहीं पीड़ित को अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया.

Recommended

Follow Us