राम के अयोध्या के विविध रूप को दिखाने वाली "अयोध्या" प्रदेश के सभी कालेज और विश्वविद्यालय में दिखेगी

RP, शहर और राज्य, NewsAbhiAbhiUpdated 20-05-2022 IST
राम के अयोध्या के विविध रूप को दिखाने वाली "अयोध्या" प्रदेश के सभी कालेज और विश्वविद्यालय में दिखेगी

 अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। अब राम के अयोध्या के विविध रूप को दिखाने वाली एक अयोध्या प्रदेश के सभी कालेज और विश्वविद्यालय में भी दिखेगी। जिसके माध्यम से युवा पीढ़ी अयोध्या और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विविध रूपों से साक्षात्कार कर सकेगी। शिक्षण संस्थाओं में यह अयोध्या किसी और रूप में नहीं बल्कि पुस्तक के रूप में उपलब्ध होगी।

खरीदकर रखने को कहा

 

शासन की मंशा के अनुरूप चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और उससे जुड़े सभी कालेजों में अयोध्या-परंपरा, संस्कृति- विरासत-पुस्तक को खरीदकर रखने के लिए कहा गया है। हिंदी और संस्कृत में प्रकाशित इस पुस्तक में दुर्लभ चित्रों का अद्भुत संग्रह है। विश्वविद्यालय ने अपने सभी विभागों के अध्यक्ष और कालेजों को अयोध्या नाम के इस पुस्तक को खरीदने के लिए कहा है। इस पुस्तक को कालेज और संस्थानों के लिए उपयोगी बताया गया है।

292 पेज की है पुस्तक, कीमत छह हजार के करीब

वाणी प्रकाशन ग्रुप और अयोध्या शोध संस्थान के सहयोग से यह पुस्तक तैयार हुई है। इसका लोकार्पण खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव पर किया था। इस पुस्तक को यतींद्र मिश्र ने लिखा है। 292 पेज की पुस्तक 2021 में प्रकाशित हुई थी। हिंदी और संस्कृत में यह पुस्तक उपलब्ध है। पुस्तक की एमआरपी अधिक है, लेकिन यह पांच से छह हजार रुपये में बिक रही है। आनलाइन प्लेटफार्म पर भी यह पुस्तक उपलब्ध है।

श्रीराम की अयोध्या की सांस्कृतिक परिक्रमा कराती है पुस्तक

अयोध्या पुस्तक में श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या नगरी की सांस्कृतिक परिक्रमा को दिखाया गया है। इसमें अध्यात्म, धर्म, दर्शन, समन्वय, त्याग, तपस्या, अनुशासन और मर्यादा की अंतरध्र्वनियों को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है। अयोध्या के पौराणिक और वर्तमान समय तक मनुष्यता के उच्च आदर्श की तस्वीर है। अयोध्या की वैचारिक यात्रा कराती इस पुस्तक में अयोध्या की भव्य दर्शन झांकी है।

 

विराट संस्कृति का रूप

धार्मिक, अनुष्ठानों, व्रत, उपवासों और लोक आस्था के केंद्र को भी सामने रखा गया है। अयोध्या के कण- कण में मौजूद विचारकों, संत, साधकों को भी यह पुस्तक महसूस कराती है। अयोध्या को जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थंकर की जन्मस्थली होने का भी गौरव प्राप्त है। महात्मा गौतमबुद्ध भी यहां सालों तक प्रवास किया था। श्रीस्कंद पुराण से लेकर ब्रिटिश अभिलेखों में अयोध्‍या के विराट संस्कृति और परंपरा को इस पुस्तक में देखा जा सकता है।

Recommended

Follow Us