पश्चिम उप्र में लंबे इंतजार के बाद निवेश का सूरज चमकता नजर आ रहा है। तीन साल पहले लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में मेरठ में 854 करोड़ के निवेश का एमओयू साइन हुआ था, जिसमें 450 करोड़ से ज्यादा का निवेश जमीन पर उतर चुका है। इससे मेरठ में मेगा इंडस्ट्री की संभावनाएं बढ़ी हैं, वहीं एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी 2018 में लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया। मेरठ में 854 करोड़ रुपये निवेश का संकल्प पत्र भरा गया जो बाद में एक हजार करोड़ तक पहुंचा। सरकार ने निवेशकों को रिझाने के लिए बिजली, जमीन, स्टांप एवं ब्याज दरों समेत कई अन्य मदों में छूट दी। इलेक्ट्रानिक्स, मैकेनिकल, दुग्ध उत्पादन एवं केमिकल बनाने वाली कई इकाइयों ने मेरठ में निवेश की दिलचस्पी ली, लेकिन औद्योगिक जमीन उपलब्ध नहीं हुई। सिंगल विंडो सिस्टम के बावजूद प्रशासनिक जटिलता की वजह से कई बाहरी उद्यमी लौट गए। लेकिन तमाम बाधाओं के बावजूद स्थानीय उदयमियों ने 50 प्रतिशत निवेश को धरातल पर उतार लिया।
यूं उतरा है निवेश
230 करोड़ रुपये के निवेश से पसवाड़ा पेपरमिल की नई इकाई शुरू
-100 करोड़ के निवेश से इंचौली में पैकेजिंग कंपनी लगाई गई
-60 करोड़ रुपये का निवेश विश्वकर्मा एस्टेट ने किया।
-60 करोड़ के निवेश से सीको इंडस्ट्री गेजा रोड पर बियरिंग बना रही है
-अरिहंत ने करीब 50 बीघे में रोहटा रोड पर बैलून एवं रबड़ प्रोडक्ट का बड़ा प्लांट लगाया