एक ओवर में 6 छक्के लगाने का जब भी जिक्र होता है, तो पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह का नाम सबसे पहले याद आता है. उन्होंने 2007 के टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के पेसर स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों पर लगातार 6 छक्के उड़ाए थे. टी20 क्रिकेट में पहली बार ऐसा हुआ था. मैच में कॉमेंट्री कर रहे शास्त्री ने इस लम्हे को अपनी आवाज में और भी खास बना दिया था. युवराज से पहले रवि शास्त्री ने भी यह कारनामा किया था. आज उनका जन्मदिन है. आज ही के दिन यानी 27 मई, 1962 को शास्त्री बॉम्बे (अब मुंबई) में पैदा हुए थे. शास्त्री ने कब और किसके खिलाफ 1 ओवर में 6 छक्के जड़ने का कारनामा किया था, वो आपको बताते हैं.
रवि शास्त्री ने जनवरी, 1985 में बॉम्बे की तरफ से खेलते हुए बड़ौदा के खिलाफ 6 छक्के लगाने का कारनामा किया था. शास्त्री के कहर का शिकार बने थे बड़ौदा के गेंदबाज तिलक राज. शास्त्री ने दूसरी पारी में 123 गेंद में 200 रन ठोक दिए थे. उन्होंने 13 चौके और इतने ही छक्के उड़ाए. वहीं, बड़ौदा की दूसरी पारी में शास्त्री ने दो विकेट भी लिए. हालांकि, किरण मोरे की कप्तानी वाली बड़ौदा की टीम यह मुकाबला ड्रॉ कराने में सफल रही थी.
रवि शास्त्री की मां क्रिकेट फैन हैं
शास्त्री के इस कारनामे के बारे में पूरी दुनिया को उसी दिन पता चल गया था. लेकिन, क्रिकेट फैन मां को अगले दिन यह खबर एक भेलपूरी वाले से मिली थी. शास्त्री की मां अक्सर रेडियो पर क्रिकेट कॉमेंट्री सुनती थी. उन्हें डॉन ब्रैडमेन, एलेक बेडसर जैसे खिलाड़ियों के रिकॉर्ड मुंहजबानी याद थे. लेकिन बेटे के इस कारनामे की उन्हें कानों-कान खबर नहीं हुई.
शास्त्री के 6 छक्के की बात मां को भेलपूरी वाले से पता चली
रवि शास्त्री ने ब्रेकफास्ट विद चैम्पियंस शो के दौरान इसका खुलासा किया था. अपनी पारी के बारे में बताते हुए शास्त्री ने कहा, ‘ बड़ौदा के खिलाफ वो पारी खेलकर मैं रात को दोस्तों के साथ पार्टी करने चला गया. मैं जब घर लौटा तो सुबह के तीन बज चुके थे. मैंने घर की घंटी बजाई तो सामने दरवाजे पर मां थीं. मैंने मां को कहा कि 5 बजे प्रैक्टिस पर जाना है और मैं सोने चला गया. अगले दिन मैं प्रैक्टिस पर चला गया. सुबह के वक्त जब मां सामान लेने बाजार गईं तो घर के पास के भेलपूरी वाले ने उन्हें बताया कि रवि ने 6 गेंदों पर 6 छक्के मारे हैं. घर आकर उन्होंने 7 बजे समाचार सुने, तब तक यह खबर हर जगह आ चुकी थी. इसके बाद मां ने मुझे डांट भी लगाई कि तुमने मुझे क्यों नहीं बताया?
कॉलेज से सीधे टीम इंडिया का बुलावा आया
रवि शास्त्री ने 1981 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. तब उनकी उम्र 19 साल थी और वो कॉलेज के दूसरे साल में थे. घरेलू क्रिकेट में वो काफी रन बना रहे थे. उन्हें बॉम्बे टीम के लिए नेट्स पर बुलाया गया. गेंदबाजी और बल्लेबाज देखने के बाद बॉम्बे की टीम में जगह मिल गई. उसी दौरान दिलीप दोषी चोटिल हो गए. इसी वजह से शास्त्री को सीधे टीम इंडिया का बुलावा आ गया और वो सीधे फ्लाइट से स्टेडियम पहुंचे और इस तरह न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका टेस्ट डेब्यू हुआ. इसी साल उन्होंने वनडे डेब्यू भी किया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
1983 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे
रवि शास्त्री ने भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेले. टेस्ट में उन्होंने 3830 और वनडे में 3130 रन बनाए. दोनों फॉर्मेट में शास्त्री ने कुल 280 झटके.1983 में इंग्लैंड में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का वो हिस्सा थे. बाद में शास्त्री ने कमेंटेटर के रूप में भी काम किया और 2 बार टीम इंडिया के कोच की भूमिका निभाई. टीम इंडिया से हटने के बाद, वो दोबारा कॉमेंट्री में हाथ आजमा रहे.