पूर्व बाहुबली सांसद डीपी यादव ने गाजियाबाद में एसएसपी आफिस पहुंचकर अपनी हिस्ट्रीशीट बंद करने की गुहार लगाई है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा एक प्रार्थना पत्र भी दिया है। इस पत्र में उन्होंने अपनी वृद्धावस्था और व कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने का हवाला दिया है।
वहीं, डीपी यादव की गुजारिश के बाबत गाजियाबाद के एसएसपी मुनिराज ने नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया है। माना जा रहा है कि गाजियाबाद पुलिस के लिए डीपी यादव के अनुरोध पत्र को स्वीकार कर लेना इतना आसानी नहीं है, क्योंकि डीपी यादव का एक लंबा इतिहास रहा है। डीपी यादव का बेटा विकास यादव भी हत्या की सजा काट रहा है।
धर्मपाल उर्फ डीपी यादव का नाम कविनगर थाने के हिस्ट्रीशीटरों की सूची में 69 वें नंबर पर दर्ज है। वह बुधवार को आम फरियादी की तरह एसएसपी कार्यायल पहुंचे और पीछे की सीट पर बैठ गए। जब उनका नंबर आया तो वह हाथ जोड़कर खड़े हो गए और एसएसपी से हिस्ट्रीशीट बंद करने की गुहार लगाई। डीपी यादव ने जो प्रार्थना पत्र एसएसपी को सौंपा उसमें उन्होंने खुद की बेगुनाही और बीमारी का जिक्र किया है।
उन्होंने लिखा है कि उनकी उम्र 70 साल से पार हो चुकी है। महेंद्र भाटी हत्याकांड में उन्हें पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है। वह अन्य सभी मामलों में भी कोर्ट से निर्दोष साबित किए जा चुके हैं।
ऐसे में कविनगर थाने में सालों पूर्व खुली उनकी हिस्ट्रीशीट बंद कर दी जाए। एसएसपी मुनिराज जी का कहना है कि डीपी यादव उनके समक्ष उपस्थित हुए और हिस्ट्रीशीट बंद करने की मांग की। उनके प्रार्थनापत्र पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।