दिल्ली में सस्ती शराब बिकने से यूपी को हर रोज करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है

RP, शहर और राज्य, NewsAbhiAbhiUpdated 14-06-2022 IST
 दिल्ली में सस्ती शराब बिकने से यूपी को हर रोज करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है

 गाजियाबाद. दिल्ली में सस्ती शराब (Cheap Liquor) बिकने से यूपी (UP) को हर रोज करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान (Revenue Loss) उठाना पड़ रहा है. अब शासन के निर्देश के बाद दिल्ली-यूपी बॉर्डर (Delhi- UP Border) पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले के डीएम इसकी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी विभाग दिल्ली- यूपी बॉर्डर पर लगातार एक्शन में है. दिल्ली से शराब की बिक्री और परिवहन पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए प्रवर्तन विभाग के द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है. खासकर गाजियाबाद जिले की विभिन्न टीमों द्वारा दिल्ली बॉर्डर, ट्रांसपोर्ट नगर चेक पोस्ट, भोपुरा चेक पोस्ट, लोनी बॉर्डर पर चेकिंग की जा रही है. चेकिंग के दौरान आबकारी टीम शराब के साथ-साथ लोगों को भी पकड़ रही है. अभियुक्तों के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धारा 60/63/72 के तहत केस दर्ज किया जा रहा है.

गौरतलब है कि दिल्ली में शराब और बीयर पर शानदार ऑफर का असर गाजियाबाद, नोएडा में साफ देखा जा रहा है. सस्ती शराब बिकने से उत्तर प्रदेश में इसकी तस्करी और बढ़ गई है. इससे दिल्ली बॉर्डर वाले यूपी के ठेकों पर शराब बिक्री में 50 फीसदी तक गिरावट आ गई है. इसी को देखते हुए गाजियाबाद और नोएडा में विशेष अभियान चलाया जा रहा है.

दिल्ली की सस्ती शऱाब ने यूपी को पहंचाया ये नुकसान
आंकड़ों के अनुसार मई 2021 में गाजियाबाद में विदेशी शराब की करीब 15 लाख बोतलें बिकी थीं, जो मई-2022 में घटकर सात लाख के आस-पास रह गई है. आबकारी विभाग ने बीते महीने में 13 करोड़ रुपए से ज्यादा का सरकारी घाटा बताया है. गौतमबुद्धनगर जिले का भी यही हाल है. जिले में मई-2021 में जहां 10 लाख शराब बोतलों की बिकी थीं, वहीं मई-2022 में घटकर यह छह लाख के आस-पास रह गई है.

शराब से मिलने वाली राजस्व में भारी कमी
गौरतलब है कि जिला गौतमबुद्धनगर में आबकारी विभाग को शराब बिक्री से मई-2022 में सिर्फ 85 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है. इस साल जनवरी में 143 करोड़ रुपए, फरवरी में 155 करोड़ रुपए, मार्च में 130 करोड़, अप्रैल में 116 करोड़ रुपए टैक्स मिला था. मई का टारगेट 137 करोड़ रुपए था, जिससे आबकारी विभाग कोसों दूर है.

बीते एक महीने के दौरान गाजियाबाद-नोएडा में आबकारी विभाग के द्वारा सैकड़ों की संख्या में लोग पकड़े जा रहे हैं. गाजियाबाद जिला प्रशासन ने इस काम के लिए 5 इंस्पेक्टरों की टीमें शराब की तस्करी रोकने के लिए दिल्ली बॉर्डरों पर तैनाती की है.

Recommended

Follow Us