प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी रविवार को प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और 5 अंडरपास का उद्घाटन किया. केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना को 920 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है. इसका उद्देश्य प्रगति मैदान में विकसित किए जा रहे नए विश्व स्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक सुगम पहुंच प्रदान करना है.
प्रगति मैदान टनल नोएडा, गाजियाबाद और पूर्वी दिल्ली क्षेत्रों से यात्रा करने वाले मोटर चालकों को इंडिया गेट, सुप्रीम कोर्ट, मथुरा रोड तक सिग्नल-फ्री एक्सेस प्रदान करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को ‘प्रगति मैदान इंट्रीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर’ का लोकार्पण किया. प्रगति मैदान मेन टनल 1.6 किलोमीटर लंबी है. यह दिल्ली की पहली सुरंग है. इसके जरिए इंडिया गेट और सेंट्रल दिल्ली के अन्य क्षेत्र पूर्वी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से जुड़ गए हैं.
यह सुरंग पुराना किला रोड पर भारत के राष्ट्रीय खेल परिसर (NSCI) के पास से शुरू होती है और पुनर्विकसित प्रगति मैदान के नीचे से गुजरती है और प्रगति पावर स्टेशन के पास रिंग रोड पर समाप्त होती है.
यह सुरंग अग्नि प्रबंधन, स्वचालित जल निकासी, डिजिटल रूप से नियंत्रित सीसीटीवी और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली के साथ नवीनतम वैश्विक मानक सुविधाओं से लैस है.
भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली वॉल पेंटिंग, पक्षियों के चित्र और कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश के विभिन्न हिस्सों में 6 मौसमों को प्रदर्शित करने वाली कलाकृतियां सुरंग की दोनों दीवारों पर उकेरी गई हैं. प्रगति मैदान टनल के अंदर करीब 100 सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, जिसके जरिए आवागमन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. इस सुरंग और 5 नए अंडरपास से आईटीओ क्षेत्र में यातायात की आवाजाही आसान होने के अलावा, पुनर्विकसित प्रगति मैदान से कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा.
लंबे समय से प्रतीक्षित यह सुरंग भैरो मार्ग के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी और इससे भैरो मार्ग पर आधे से अधिक यातायात भार के कम हो जाने की उम्मीद है.