लखनऊ. 20 जून को सोनभद्र के चुर्क से मॉनसून ने उत्तर प्रदेश में प्रवेश किया, जिसके बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि जल्द सूबे में झमाझम बारिश देखने को मिलेगी. लेकिन मॉनसून की सुस्त रफ़्तार ने न सिर्फ मौसम विज्ञानियों की चिंता को बढ़ा दिया है, बल्कि धान की खेती करने वाले किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ़ नजर आने लगी है. मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक अगले पांच दिनों तक बारिश के आसार नहीं है, हालांकि इस दौरान बादलों की आवाजाही जारी रहेगी. उमस और गर्मी से भी निजात नहीं मिलने वाली है.
इससे पहले मौसम विभाग ने 26 या 27 जून से बारिश का अनुमान जताया था. लेकिन अब 28 जून से बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मॉनसून की सुस्त रफ़्तार की वजह से प्रदेश में मॉनसून सक्रिय नहीं हो सका है. उम्मीद है कि अगले पांच दिनों में मॉनसून रफ़्तार पकड़ेगा और पूरे प्रदेश में सक्रिय होगा. राजधानी लखनऊ में 27-28 जून को बारिश का अनुमान लगाया गया है. मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 27-29 जून के बीच मानसून पूरी रफ़्तार के साथ प्रदेश में बरसेगा.
आज कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी के आसार
यह भी अनुमान लगाया गया है कि गुरुवार को प्रदेश में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी और बादलों की आवाजाही जारी रहेगी. जिन शहरों में बूंदाबांदी हो सकती है वे हैं- मेरठ, कानपुर और लखनऊ. मूसलाधार बारिश की संभावना न के बराबर है. प्रदेश में बुधवार को प्रयागराज सबसे गर्म शहर रहा. यहां तापमान 40.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. यह भी अनुमान लगाया गया है कि वाराणसी में शुक्रवार को बारिश हो सकती है. वैसे प्रदेश में अन्य जगह अधिकतम तापमान 40 डिग्री के आस-पास ही रहने की उम्मीद है.