नई दिल्ली. छोटे निवेशकों के लिए बड़ी खबर है. पिछली 9 तिमाहियों से स्थिर पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दरों में जल्द ही इजाफा हो सकता है. अभी पीपीएफ पर सालाना 7.1 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है.
दरअसल, सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज दरें लगातार बढ़ रही हैं और इसे देखते हुए पीपीएफ पर भी ब्याज बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. सरकारी प्रतिभूतियों पर मौजूदा ब्याज दर 7.3 फीसदी है, जो पीपीएफ से ज्यादा है. जनवरी, 2022 में प्रतिभतियों पर ब्याज दर 6.5 फीसदी और जून में 7.6 फीसदी थी. छोटी बचत योजनाओं पर सितंबर तक 9 तिमाहियों से लगातार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज दरें बढ़ने के बाद पीपीएफ, सहित कई छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें निगेटिव में जा चुकी हैं. लिहाजा इस महीने के आखिर में होने वाली बैठक में इनकी ब्याज दरें बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है.
क्या है प्रतिभूतियों और पीपीएफ का संबंध
सरकारी प्रतिभूति और पीपीएफ की ब्याज दरों के बीच सीधा संबंध होता है. पीपीएफ पर प्रतिभूतियों की औसत ब्याज दर से 1 फीसदी तक ज्यादा ब्याज दिए जाने का प्रावधान है. इसका निर्धारण सरकार हर तिमाही होने वाली बैठक में करती है. सरकारी प्रतिभूतियों का मार्केट यील्ड जितना ज्यादा होगा, पीपीएफ जैसी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें भी उसी अनुपात में बढ़ाई जाएंगी.
अन्य बचत योजनाओं पर भी मिलेगा लाभ
पीपीएफ के साथ ही निवेशकों को अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी का तोहफा मिल सकता है. इसमें नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र (KVP), सावधि जमा, पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं. अनुमान है कि इस महीने के आखिर में होने वाली बैठक में इस पर फैसला किया जा सकता है.
पीपीएफ के मामले में ब्याज दर औसत यील्ड से 25 आधार अंक ज्यादा हो सकती है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी तिमाही में सरकारी प्रतिभूतियों का औसत यील्ड 6.75 फीसदी था, तो उसकी अगली तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दर 25 आधार अंक ज्यादा यानी 7 फीसदी होनी चाहिए.
यील्ड गिरने पर भी नहीं घटाई ब्याज दर
प्रतिभूतियों की यील्ड और पीपीएफ ब्याज दरों में सीधा संबंध होने के बावजूद सरकार ने यील्ड घटने पर भी ब्याज दरों में कटौती नहीं की. महामारी के दौरान ऐसा कई बार हुआ जब सरकारी प्रतिभूतियों की यील्ड में गिरावट आई है, लेकिन सरकार ने पीपीएफ, एनएससी सहित अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की.