ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है. हालांकि, इस टीम में घुटने की चोट के कारण रवींद्र जडेजा को शामिल नहीं किया गया है. भारत को जडेजा की कमी खलेगी, क्योंकि बीते कुछ सालों में वो गेंदबाज के साथ-साथ एक बल्लेबाज के रूप में भी उभरे हैं और मौका पड़ने पर टीम को बल्ले से जीत दिलाने में अहम रोल निभाया है. ऐसे में इस खिलाड़ी की जगह लेना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा. हालांकि, भारतीय टीम मैनेजमेंट ने जडेजा के स्थान पर उनके जैसे ही बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल को विश्व कप के स्क्वॉड में शामिल किया है.
अक्षर के अलावा भी कई खिलाड़ी हैं, जिन्हें जडेजा के विकल्प के तौर पर टी20 विश्व कप के स्क्वॉड में चुना गया है. अब इनमें से कौन सा खिलाड़ी, टी20 विश्व कप के दौरान भारतीय टीम के प्लेइंग-XI का हिस्सा बनता है, इसका टेस्ट या आजमाइश ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली घरेलू टी20 सीरीज में होगी.
टी20 विश्व कप के लिए चुनी गई टीम में जडेजा का विकल्प कौन हो सकता है? यह जानने से पहले यह समझ लेते हैं कि जडेजा कितने अहम हैं और उनके टीम में नहीं रहने से क्या नुकसान हो सकता है. जडेजा सिर्फ बाएं हाथ से गेंदबाजी ही नहीं करते, बल्कि बीते कुछ साल में एक बल्लेबाज के तौर पर भी उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा है और उनकी फील्डिंग को तो किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वो अपनी फील्डिंग से ही मैच का रुख पलटने की काबिलियत रखते हैं. इसे आंकड़ों से भी समझा जा सकता है.
जडेजा ने सितंबर 2020 से अब तक यानी बीते 2 साल में 15 टी20 में 56.80 की औसत से 284 रन बनाए हैं. उनका स्ट्राइक रेट भी 140 से ऊपर का है. इस अवधि में जडेजा ने चार बार 30 प्लस स्कोर किया है और इसमें से तीन मौकों पर वो नाबाद लौटे हैं. यानी टीम के लिए मैच फिनिश किया है. मतलब, साफ है कि वो बीते 2 साल में जरूरत पड़ने पर मैच फिनिशर की भूमिका भी निभा रहे. इसी अवधि में जडेजा ने 15 मैच में 6.84 की इकोनॉमी रेट से 12 विकेट लिए हैं, जोकि उनकी करियर इकोनॉमी 7.04 से कम है. वहीं, जडेजा ने हर 22वीं गेंद पर विकेट लिया है. यानी जडेजा के नहीं होने से भारत को बड़ा नुकसान होगा.
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