नोएडा: उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहे जाने वाले शहर नोएडा में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. सड़क से लेकर बिजली तक सभी मूलभूत सुविधाएं यहां पर मौजूद हैं. लेकिन इसी शहर के बीचों बीच 15 हजार की आबादी ऐसी है. जो बिना बिजली के ही जीवन काट रही है. उनका जीवन जनरेटर पर चल रहा है. क्या है पूरा मामला हम आपको बताते हैं.
विकास शुक्ला बताते हैं कि मैंने नोएडा के आंबेडकर सिटी में अपना घर खरीदा था. कुल जमा पूंजी यहां फंसा दिया. लेकिन हमारे यहां बिजली की लगातार समस्या बनी हुई है. अभी लगातार 15 दिन से नहीं है. कहते हैं यह डूब क्षेत्र है यहां बिजली नहीं दी जा सकती. तो मेरा प्रश्न है कि, अगर बिजली नहीं दे सकते तो जमीन और घर की रजिस्ट्री कैसे हुई?, दाखिल खारिज कैसे किया? यहां बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर कैसे लगाए गए? हमारा जीवन लग रहा हैं अंधेरे में ही बीत जाएगा.
32 रुपए प्रति यूनिट देना होता था बिल
ममता पेशे से गृहणी हैं. बताती हैं कि जब हमने घर-जमीन यहां लिया था. तो आंबेडकर सिटी विकास समिति के नाम से हमें बिजली विभाग बिजली देती थी. यह व्यवस्था छह माह के लिए था. लेकिन बढ़ाते-बढ़ाते पांच साल कर दिए गया हैं. हम 32 रुपए प्रति यूनिट बिजली का बिल हम राम विलास नाम के आदमी को देते थे. लेकिन इन्होंने हमारे बिल को जमा ही नहीं किया. आज हम पानी की टंकी भरने के लिए भी 400 रुपए देते हैं. जनरेटर से हमारी जिन्दगी चल रही है.