‘विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ यानी ‘वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे 2022’ हर साल 28 मई को मनाया जाता है. इसका मकसद महिलाओं को माहवारी के दौरान साफ-सफाई के महत्व को समझाना है. गांव और शहरों में रहने वाली लाखों महिलाएं आज भी इससे जुड़ी कई ज़रूरी जानकारियों से अंजान हैं और उन्हें पता भी नहीं कि उनकी थोड़ी सी लापरवाही उन्हें हेपेटाइटिस बी, सर्वाइकल कैंसर, योनी संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की तरफ धकेल सकता है. इसका असर महिलाओं पर शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी लंबी उम्र तक परेशान कर सकता है.
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का महत्व
‘विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ मनाने का उद्देश्य युवा लड़कियों और महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखने संबंधी ज़रूरी जानकारियां मुहैया कराना है, जिससे वे अंजाने में किसी जानलेवा बीमारी की चपेट में ना आ जाएं.
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का इतिहास
सबसे पहले मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाने की शुरुआत साल 2014 में जर्मनी के वॉश यूनाइटेड नाम के एक एनजीओ ने की थी. हर साल 28 मई को ही ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है. दरअसल, इस दिन को चुनने के पीछे भी एक वजह है. आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं के पीरियड्स साइकिल 28 दिनों के होते हैं. यही वजह है कि 28 तारीख को ही इस दिन को मनाने के लिए चुना गया.
इसलिए है ये खास
दरअसल, दुनियाभर में अभी भी कई ऐसे समाज हैं जहां महिलाएं इस पर खुलकर बात नहीं कर पातीं. ऐसे में पीरियड्स के दौरान किन बातों को ध्यान रखना है या किसी तरह की समस्या का कारण क्या है, साफ- सफाई के सहारे किन बीमारियों से बचा जा सकता है आदि जानकारियां उन्हें कभी मिल ही नहीं पाती. ऐसे में इस दिवस के मौके पर एक माहौल बनाने की कोशिश की जाती है कि लोगों को ये बताया जा सके कि मासिक धर्म कोई अपराध नहीं, बल्कि ये एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है. जिस पर घर और समाज में खुलकर बात करने की ज़रूरत है, जिससे महिलाओं और बच्चियों को गंभीर और जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके.