राजकीय मेडिकल कालेज, पिलखनी में हादसे के बाद भर्ती कराए गए एक युवक को पांच घंटे तक ड्रेसिग के लिए रखा गया। इस दौरान उपचार में लापरवाही बरती गई। इसके बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। युवक का पैर कटने की नौबत आ गई। अब देहरादून के चिकित्सकों ने युवक के पैर को बचा लिया है। इस मामले में प्राचार्य की तरफ से जांच बिठा दी गई है। प्राचार्य का कहना हैकि जांच रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, सहारनपुर के बिहारीगढ़ निवासी राजसिंह पुत्र राजपाल सिंह किसी काम से बाइक द्वारा सौराण गांव में गया था। जब वह वहां से लौट रहा था तो उसका सौराण गांव के समीप ही एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें उसके एक पैर की सभी अंगुलियां क्षत-विक्षत हालत में हो गई थी। उसके बाद राज सिंह को स्थानीय लोगों ने मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। यहां पर राजसिंह को पांच घंटे तक उपचार के नाम पर इमरजेंसी में रखा गया। बाद में उसके पैर में ड्रेसिग करके हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन राज सिंह को लेकर देहरादून के एक अस्पताल में पहुंचे। यहां के डाक्टरों ने बताया कि मेडिकल कालेज के डाक्टरों की लापरवाही से राजसिंह का पैर भी कट सकता था, क्योंकि ड्रेसिग समय पर नहीं होने के कारण इंफेक्शन पूरे पैर में फैल सकता था, जिसके बाद परिजनों ने इस मामले की शिकायत मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. अरविद त्रिवेदी से की गई। प्रचार्या का कहना है कि मामले की जांच एसीएमओ को सौंपी गई है। जिन भी डाक्टरों ने लापरवाही की है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।