शंघाई और अन्य शहरों से ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जो इसका सबूत दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कोविड टेस्ट के लिए महिला को जमीन पर नीचे गिरा दिया गया है. एक आदमी उसके हाथों को अपने घुटनों से दबा लेता है और उसे मजबूती से पकड़ लेता है. इसके बाद जबरदस्ती महिला का मुंह खोला जाता है और पीपीई किट पहना स्वास्थ्यकर्मी उसका स्वाब सैंपल ले लेता है.
इस तरह के अन्य वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. जिसमें चीनी स्वास्थ्य कर्मियों को अनिवार्य कोविड टेस्ट के लिए जबरदस्ती करते देखा जा सकता है. स्वास्थ्यकर्मी एक बूढ़े व्यक्ति के घर में जबरन घुस गए थे और उसका कोविड टेस्ट किया था.
होम आइसोलेशन के लिए लोगों के घर उनसे जबरदस्ती छीना जा रहा है. एक वीडियो में पीपीई किट पहने पुलिस को हाउसिंग कॉम्पलेक्स के बाहर लोगों को नए नियम के बारे में बताते देखा गया. इस नियम को सुनने के बाद लोगों को चीखते-चिल्लाते देखा गया.
कोविड टेस्ट के लिए पुलिस को लोगों को पीटते हुए भी देखा गया. लोगों को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है. इसके लिए लोगों के घर के दरवाजों पर वेल्डिंग कर उन्हें बंद किया जा रहा है.
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झिजिंगयान, जिलिन, शंघाई, बीजिंग समेत 8 प्रांतों में लगभग दो महीने से स्कूल बंद हैं. यहां ओमिक्रॉन वायरस के कारण संक्रमण के केस कम नहीं हो रहे हैं. जिनपिंग सरकार ने इन प्रांतों के स्कूलों में पढ़ने वाले प्राइमरी के बच्चों की कोरोना वायरस टेस्टिंग के आदेश दिए हैं. बच्चों को घरों से लाकर जांच हो रही है.