विधानसभा में अखिलेश यादव के अभिभाषण का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुन-चुनकर जवाब दिया

RP, शहर और राज्य, NewsAbhiAbhiUpdated 27-05-2022 IST
विधानसभा में अखिलेश यादव के अभिभाषण का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुन-चुनकर जवाब दिया

लखनऊ. विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के हमले का चुन-चुनकर जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में अखिलेश यादव का पूरा भाषण जनादेश का अनादर करने वाला था. मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि एक मनीषी ने कहा है ‘अभिमान तब आता है, जब हमें लगता है हमने कुछ किया है.सम्मान तब मिलता है जब लोग कहें कि हमने कुछ किया है. भारतीय जनता पार्टी को जनादेश मिला यह उसी बात का प्रमाण है.

मुख्यमंत्री ने आगे बोलते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम पूरे देश में चुनाव लड़ते हैं. उन्हीं कार्यों का उल्लेख राज्यपाल ने यहां सदन में किया था. जनता द्वारा प्राप्त जनादेश सरकार के प्रति जनता का सम्मान है. हमने कभी ढिंढोरा पीटकर नहीं कहा कि हमने मेट्रो चलवा दी. जनता जानती थी कि कौन निवेश ला रहा है. राशन कौन दे रहा है. इसी कारण 37 वर्षों बाद कोई सरकार अपना पूरा कार्यकाल करके दोबारा वापस आयी है. उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी आबादी है. पिछली सरकारें जनआकांक्षा को क्यों पूरी नही कर पा रही थी? जब आप जीते तो अच्छा है, बीजेपी जीते तो ईवीएम में गड़बड़ी है…!!!

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपने भाषण में अपनी उपलब्धियों को बहुत ज्यादा कहा. नेता चुनावी सदन में अपनी बातों को कहते हैं, लेकिन उनके भाषण पर मैं कहूंगा कि …’नजर नहीं है, नजारों की बात करते हैं, जमीं पर चांद सितारों की बात करते हैं, वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं…’

ममता बनर्जी पर निशाना

मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यूपी में प्रचार करने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “इसी सरकार में स्थानीय निकाय, पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुए, लेकिन यहां चुनाव में समर्थन करने के लिए एक दीदी भी आई थीं बंगाल से.. क्या हालात थे बंगाल में? 294 सीट पर हुए चुनाव के बाद जमकर हिंसा हुई. 57 बीजेपी कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या हुई. महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुए. बंगाल की आबादी यूपी से आधी आबादी है. चुनाव से पहले और चुनाव बाद यहां हिंसा नहीं हुई. यह कानून व्यवस्था का परिणाम है.”

हमारा मिशन देश के लिए कार्य करने का होना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा, ” हमारा मिशन देश के लिए कार्य करने का होना चाहिए. लोकतंत्र में संसदीय भावनाओं का सम्मान भी करना चाहिए. मार्च 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद कार्य शुरू हुए. डबल इंजन की सरकार ने ट्रिपल स्पीड से कार्य किये. हमने हर फील्ड में कार्य किये, लेकिन यहां सवाल उठाए गए, खासकर पुलिस के बारे में. हमने पुलिस की भर्ती प्रक्रिया को बेहतर करने के कार्य किये. अब तक 1 लाख 54 हजार पुलिस भर्ती प्रक्रिया पूरी की. इसके बाद ट्रेनिंग प्रक्रिया को तीन गुनी स्पीड से पूरी की. रिफॉर्म हुये, पहली बार 4 कमिश्नरेट का गठन हुआ. साइबर थानों के गठन हुआ. 17 नगर निगमो में ITMS से जोड़ा गया. उत्तरप्रदेश के अंदर कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पीएसी की जरूरत होती है, जबकि एक साजिश के तहत 54 पीएसी कम्पनियां खत्म कर दी गई, भर्तियों में धांधलियां हुई. 54 पीएसी कम्पनियों को फिर से बहाल किया गया. हमने दंगामुक्त प्रदेश की स्थापना की. महिला पीएसी बटालियन की स्थापना की गई. बेटियों को स्थान दिया गया.

आज का युवा बाहर जाता है तो उसे सम्मान के साथ देखा जाता है

सीएम योगी ने कहा, “आज़ादी के बाद जो कार्य होने चाहिए वो 2017 बाद शुरू किए गए. लोगों के मन में पहले यूपी के लिए क्या धारणा थी, हमने उसे बदला है. हर फील्ड में उसके परिणाम दिखे. 2017 से पहले वादे किए गए थे. टैबलेट-स्मार्टफोन बाटेंगे, क्या हुआ? हमने बांटने शुरू किए. अबतक 1 करोड़ युवाओं को वितरित करने की प्रक्रिया चालू है. अब तक साढ़े 12 लाख बाटें जा चुके हैं. 5 लाख सरकारी नौकरी भी दी गई. भाई-भतीजावाद के आरोप कोई नहीं लगा सकता. एक करोड़ 61 लाख रोजगार उपलब्ध करवाए गए. आज का युवा बाहर जाता है तो उस युवा को सम्मान के साथ देखा जाता है.”

मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू करते चले गए

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अच्छा भाषण दिया, लेकिन कुछ घोटालों की भी बात कर लेते तो अच्छा होता. खनन घोटाला, सहकारिता घोटाला, खाद्यान्न घोटाला.. इन पर चर्चा कर लेते तो अच्छा होता. मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू करते चले गए. हमारी सरकार ने कल बजट पेश किया। हर घर के सदस्य को रोजगार के कार्य शुरू हो रहे है. अन्नदाता किसान के बारे में बहुत सी गुमराह करने वाली बातें हुईं, लेकिन किसान के आत्महत्या की घटनाएं 2004 से 2017 तक हुई. 2012 से 17 तक धान का कुल क्रय आढ़तियों के माध्यम से किया गया. पहले एमएसपी का लाभ नहीं मिल पाता था. पिछली सरकारों में चीनी मिल बंद होती थी, बेंच दी जाती थी, चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि रमाला में हमने चीनी मिल स्थापित की. मुंडेरवा, पिपराइच में नई चीनी मिलें स्थापित की गई. कोरोना काल में 119 चीनी मिल चलाई. अबतक एक करोड़ 73 लाख हजार से ज्यादा का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया.

 

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