
मुंबई। साल 2025 में हिंदी सिनेमा के हॉरर और ब्लैक मैजिक जॉनर ने एक नई दिशा पकड़ी। डर अब सिर्फ डराने और चौंकाने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि लोककथाओं, मनोवैज्ञानिक तनाव और भावनात्मक गहराई के ज़रिये दर्शकों के मन में उतरता दिखा। हालांकि आस्था, अंधविश्वास और अनदेखी शक्तियों पर आधारित इन कहानियों को खास बनाने में सबसे बड़ा योगदान उन कलाकारों का रहा, जिनकी दमदार परफॉर्मेंस ने इन कथाओं को विश्वसनीय और प्रभावशाली बनाया। तो आइए नज़र डालते हैं वर्ष 2025 में इस जॉनर में शानदार अभिनय करने वाले कलाकारों और उनकी फिल्मों पर। जानकी बोडीवाला – वश लेवल 2ः गुजराती फिल्म वश लेवल 2 के साथ जानकी बोडीवाला, हॉरर स्पेस की सबसे सशक्त परफॉर्मर्स में उभरकर सामने आईं। 'वश 1' की सफलता को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने 'वश 2' में बेहद संयमित लेकिन गहराई से डर पैदा करने वाला अभिनय किया। डर, साहस और भावनात्मक नाज़ुकता के बीच संतुलन बनाकर जानकी ने ब्लैक मैजिक पर आधारित इस कहानी को न सिर्फ रोचक बल्कि पूरी तरह विश्वसनीय भी बनाया।
नुसरत भरूचा – छोरी 2ः
'छोरी 2' में नुसरत भरूचा ने एक बार फिर साबित किया कि हॉरर जॉनर पर उनकी पकड़ काफी मजबूत हो चुकी है। सामाजिक अंधविश्वास और काली शक्तियों से जूझती एक मां के किरदार में उनका अभिनय बेहद सच्चा और भावनात्मक रहा। ऊँची आवाज़ या ज़रूरत से ज़्यादा ड्रामे की बजाय, नुसरत ने भीतर से उपजने वाले डर को स्क्रीन पर उतारा। 'छोरी' फ्रेंचाइज़ी के ज़रिये उन्होंने न सिर्फ काले जादू की दुनिया को टटोला, बल्कि कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी गहरी सामाजिक बुराइयों को भी प्रभावी ढंग से उजागर किया।
आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना – थामाः
'थामा' ने हॉरर को कई परतों वाली कहानी के साथ पेश किया, और इसके लीड कलाकारों ने इस चुनौती को बखूबी निभाया। आयुष्मान खुराना ने जहां तर्क-वितर्क से परे शक्तियों से जूझते किरदार में गहराई और संवेदनशीलता जोड़ी, वहीं रश्मिका मंदाना ने भावनात्मक मजबूती और नाज़ुकता के साथ कहानी को संतुललित किया। इस तरह दोनों की केमिस्ट्री से फिल्म के सुपरनैचुरल एलिमेंट्स और भी असरदार बन गए।
काजोल – मांः
मां में काजोल का अभिनय 2025 के सबसे चर्चित हॉरर परफॉर्मेंस में शामिल रहा। एक मां के रूप में, जो रहस्यमयी और तांत्रिक शक्तियों से अपने बच्चे की रक्षा करती है। उनकी सशक्त स्क्रीन प्रेज़ेंस, भावनात्मक मजबूती और डर को संयम के साथ दर्शाने की शैली ने यह साबित कर दिया कि हॉरर बिना ज़रूरत से ज़्यादा शोर के भी बेहद प्रभावशाली हो सकता है।
अनिता कुलकर्णी और अमृता सुभाष – जारणः
'जारण' पूरी तरह प्रभावशाली अभिनय पर आधारित हॉरर फिल्म रही, जिसमें अनिता कुलकर्णी और अमृता सुभाष ने यादगार अभिनय किया। अंधविश्वास, तांत्रिक रस्मों और मनोवैज्ञानिक भय में उलझी महिलाओं के किरदारों को दोनों ने बारीकी से गढ़ा। अमृता की शांत, लेकिन डर पैदा करने वाली मौजूदगी और अनिता की भावनात्मक सच्चाई ने मिलकर फिल्म को एक ऐसा डरावना अनुभव बना दिया, जो क्रेडिट रोल होने के बाद भी मन में बना रहता है।
ऐसे में यह कहें तो कतई गलत नहीं होगा कि वर्ष 2025 में हिंदी हॉरर और ब्लैक मैजिक सिनेमा ने सतही डर से आगे बढ़कर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक गहराई को अपनाया। इन फिल्मों में डर को वास्तविक बनाने का काम शानदार अभिनय ने किया, ऐसा अभिनय, जो संवेदनशील होने के साथ-साथ लंबे समय तक लोगों की यादों में रहे।