मेरठ. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) आते ही बाजारों में अब रौनक देखने को मिल रही है. भगवान श्री गणेश की तरह-तरह की कलाकृतियों से बनी मूर्तियां भक्तों को काफी पसंद आ रही हैं. जबकि बप्पा मोरया को घरों में विराजमान करने के लिए भक्त भी जमकर खरीदारी कर रहे हैं.
मेरठ के मूर्तिकारों ने इस बार गणेश चतुर्थी पर पर्यावरण की सुरक्षा पर खासा फोकस किया गया है. पर्यावरण संरक्षित करने के लिए गाय के गोबर (Cow Dung) से मूर्तियां तैयार की जा रही हैं, जिनकी बाजार में जबरदस्त डिमांड देखने को मिल रही है. वहीं, रेट की बात की जाए तो 251 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक इन मूर्तियों की कीमत रखी गई है.
इको फ्रेंडली हैं मूर्तियां
यह मूर्तियां इको फ्रेंडली हैं. जैसे पूजन के बाद मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा. उसमें किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत नहीं होगी. पानी में आसानी से यह विसर्जित हो जाएंगी. इतना ही नहीं अगर आप घर में भी किसी एक स्थान पर जल में इन मूर्तियों को विसर्जित करना चाहते हैं, तो वहां भी इनका विसर्जन हो जाएगा.
महिला समूह तैयार कर रहीं मूर्तियां
मूर्तियां तैयार करवाने वाले आशीष त्यागी ने News18 Local से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि भारतीय सनातन संस्कृति में गाय माता को काफी महत्व दिया जाता है. ऐसे में इन मूर्तियों के लिए गाय के गोबर का ही उपयोग किया जा रहा है. हालांकि गोबर के साथ मिट्टी और वृक्षों से निकलने वाली गोंद को भी मिलाया जाता है.