जम्मू कश्मीर में चलने वाले कमर्शियल वाहनों को की फिटनेस बीस वर्ष से बढ़ाकर पच्चीस वर्ष करने,वाहनों की फिटनेस को रेन्यू करने, गाड़ियों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस को स्थापित करने के आदेश को वापस लेने, टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स को माफ करने, जेकेआरटीसी की बसें का तयशुदा समय पर ही संचालन करने व प्रदेश के 27 हजार आटो चालकों को वैध ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मांग को लेकर बुधवार को एक दिवसीय चक्का जाम करने जा रहे ट्रांसपोर्टरों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। वेयर हाउस में आल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे ट्रांसपोर्टरों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी इन मांगों को माना नहीं गया तो वे प्रदेश में अनिश्चितकालीन चक्का जाम कर देंगे।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मिनीबस यूनियन के प्रधान विजय चिब ने कहा कि जम्मू कश्मीर में ट्रांसपोर्ट उद्योग का पहले से ही बुरा हाल है।वर्ष 2014 से उनका काम घाटे में चल रहा है। सरकार ने कभी उनके कल्याण बारे सोचा नहीं लेकिन ट्रांसपोर्टरों पर एक के एक फरमान जारी कर उनकी कमर जरूर तोड़ी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में आई बाढ़ व उसके बाद कोरोना ने उन्हें कंगाली की कगार पर खड़ा कर दिया है।
वे लोग घाटे से नहीं उभर पा रहे हैं।लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। चिब ने कहा कि वे लोग अब मजबूर होकर सड़कों पर उतर रहे हैं क्योंकि अब तक जितनी बार भी वे सड़कों पर उतरे हैं, तभी सरकार की नींद खुली है।वहीं प्रदर्शन कर रहे ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि बुधवार को वह लोग चक्का जाम करेंगे। प्रदेश में लखनपुर से लेकर उड़ी तक सभी कमर्शियल वाहन बंद रहेंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो उनका बंद तब तक जारी रह सकता है, जब तक सरकार की नींद नहीं खुलती।
ट्रांसपोर्टरों की मुख्य मांगे :