राम नवमी पर बन रहा है त्रिवेणी संयोग, जानें राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त

RP, ज्योतिष, NewsAbhiAbhiUpdated 05-04-2022 IST
राम नवमी पर बन रहा है त्रिवेणी संयोग, जानें राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त

 चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल चैत्र नवरात्रि की नवमी को राम नवमी मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस बार राम नवमी पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवि योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है. ये तीनों ही योग इस दिन को अतिशुभ बना रहे हैं. यह दिन मकान, वाहन आदि की खरीदारी, विशेष कार्यों को शुरु करने और सूर्य देव की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था, तब चैत्र शुक्ल नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र में कर्क लग्न का उदय था और पांच ग्रह मंगल, शुक्र, सूर्य, शनि एवं बृहस्पति उच्च स्थान पर विद्यमान थे.

आइए जानते हैं कि इस साल राम नवमी की तिथि और राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त क्या है.

राम नवमी 2022 शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ: 10 अप्रैल, दिन रविवार, 01:23 एएम पर
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन: 11 अप्रैल, दिन सोमवार, 03:15 एएम पर
राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त: दिन में 11:06 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक
दिन का शुभ समय: दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक
प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के लिए ढाई घंटे से अधिक का समय मिलेगा.
राम नवमी के दिन सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक है, वहीं पुष्य नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक है. विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:21 बजे तक और अमृत काल रात 11:50 बजे से देर रात 01:35 बजे तक है. राम नवमी के दिन राहुकाल शाम 05 बजकर 09 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक है.

राम जन्मोत्सव
राम नवमी के दिन अयोध्या में राम जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीराम के साथ छोटे भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्मोत्सव होता है. इस अवसर पर व्रत रखते हैं और प्रभु श्रीराम की भक्ति में समय व्यतीत करते हैं. उनका गुणगान करते हैं और राम मंत्रों का जाप करते हैं. इस अवसर पर रामचरितमानस और रामायण का पाठ किया जाता है.

यदि आपको अपने घर पर राम जन्मोत्सव मनाना है, तो आप शुभ मुहूर्त में रामलला का जन्मोत्सव मनाएं. उनके पालने को फूल, माला आदि से सजाएं. उनके लिए वस्त्र, मुकुट आदि की व्यवस्था कर लें. शुभ मुहूर्त में रामलला का जन्मोत्सव के बाद आसपास मिठाइयां और प्रसाद बांटना चाहिए.

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