UIDAI ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि आधार की बायोमिट्रिक जानकारी किसी आरोपी का अपराध सिद्ध करने के लिए इस्तेमाल नहीं की जा सकती

RP, देश , NewsAbhiAbhiUpdated 05-05-2022 IST
UIDAI ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि आधार की बायोमिट्रिक जानकारी किसी आरोपी का अपराध सिद्ध करने  के लिए इस्तेमाल नहीं की जा सकती

 नई दिल्ली. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) को बताया कि आधार में दर्ज निजी बायोमिट्रिक (Biometric) जानकारी किसी आरोपी का अपराध सिद्ध करने या अपराधिक सिद्धि की मंशा से इस्तेमाल नहीं की जा सकती है.

UIDAI ने कोर्ट में अपना रुख साफ करते हुए कहा कि बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा करने का एकमात्र मकसद का आधार नंबर तय करना है. इसके अलावा किसी भी तरह से इस जानकारी का इस्तेमाल या हवाला नहीं दिया जा सकता. इसका दूसरे मामले में इस्तेमाल की इजाजत किसी भी सूरत में नहीं दी जा सकती. आधार नंबर बनाने का उद्देश्य सुशासन, असरदार व्यवस्था और जनता तक लाभ पहुंचाने में आसानी के लिए है.

UIDAI ने कोर्ट के समक्ष साफ रुख

UIDAI ने कोर्ट में अपना रुख साफ करते हुए कहा कि बायोमिट्रिक जानकारी यानी उंगली की छाप, आंखों की पुतलियों की संरचना जैसी बेहद निजी जैविक जानकारी और पहचान का आंकड़ा इकट्ठा करने का मकसद सिर्फ आधार नंबर तय करना है. इसके अलावा इस जानकारी का इस्तेमाल या हवाला कहीं नहीं दिया जा सकता. दूसरे किसी भी मामले में इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती.

आधार का उद्देश्य सुशासन, असरदार व्यवस्था और जनता तक लाभ पहुंचाना

हाई कोर्ट को बताया गया कि आधार कानून 2016 के तहत आधार नंबर बनाने का उद्देश्य सुशासन, असरदार व्यवस्था और जनता तक लाभ पहुंचाने में आसानी लाना है. इस आधार नंबर परियोजना का एकमात्र उद्देश्य सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और सेवाओं को आम जनता तक पहुंचाने के काम में सरलीकरण करना है. आधार कानून का आधार ही निजी जानकारी की गोपनीयता की गारंटी है. UIDAI ने सवाल किया कि इसे कैसे भंग किया जा सकता है?

लेकिन कोर्ट में दाखिल याचिका उस गारंटी का उल्लंघन करने की बात करती है. उससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट भी आधार में दर्ज जैविक जानकारी को फोरेंसिक उद्देश्य से इस्तेमाल करने की याचिका गोपनीयता की गारंटी के आधार पर ही खारिज कर दी थी.

बच्चों के लिए जारी किया जाता है 12 अंकों वाला विशेष आधार

बता दें कि 5 साल या उससे कम उम्र के बच्चों के लिए नीले रंग वाला 12 अंकों का आधार बनता है. ये 5 साल के बाद अमान्य हो जाता है, इसे फिर अपडेट कराना होता है. UIDAI के मुताबिक बच्‍चे के 5 साल पूरे होने पर उसका बायोमेट्रिक अपडेट कराने के लिए आपको नजदीकी आधार सेंटर पर जाना होगा. नवजात बच्चे का फिंगरप्रिंट नहीं लिया जाता है. लेकिन जब बच्चे 5 साल के हो जाएंगे तो आधार को अपडेट कराना होगा.

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