पटना. बिहार लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है. मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने इस मामले में 3 और संदिग्धों को हिरासत में लिया है. इनमें से एक पटना और बाकी के 2 संदिग्ध अन्य जिलों के निवासी बताए गए हैं. जांच एजेंसी ने इनके मोबाइल फोन और लैपटॉप को खंगाला है. जांच में जुटे अधिकारियों ने आने वाले 2 से 3 दिनों में बड़ा खुलासा होने का भी दावा किया है. बता दें कि पर्चा लीक होने के बाद आयोग ने परीक्षा को रद्द करने की घोषणा कर दी है. अब इस एग्जाम के 15 जून के बाद होने की संभावना है.
आर्थिक अपराध इकाई ने बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच तेज कर दी है. बीपीएससी की 8 मई को संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का वायरल प्रश्नपत्र बीपीएससी कार्यालय को परीक्षा शुरू होने के करीब 17 मिनट पहले मिला चुका था. दोपहर करीब 12 बजे परीक्षा शुरू होने के ठीक 3 मिनट बाद इसकी पुष्टि हो गई थी कि वायरल प्रश्नपत्र सही है. ईओयू की जांच में बीपीएससी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों की मानें तो बीपीएससी के अधिकारियों ने पूछताछ में बताया कि जब उनके मोबाइल पर वायरल प्रश्नपत्र आया तो उन्होंने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी. उस समय तक परीक्षा शुरू नहीं हुई थी. आनन-फानन में बीपीएससी के एक वरीय अधिकारी को गर्दनीबाग स्थित परीक्षा केंद्र भेजा गया था. इस बीच परीक्षा शुरू हो गई थी. 12 बजकर 3 मिनट पर अधिकारी ने जब वायरल प्रश्नपत्र के सेट सी का मिलान असली प्रश्नपत्र से किया तो वह समान दिखा. यह जानते ही खलबली मच गई.