नई दिल्ली. करदाताओं और बड़ा लेनदेन करने वालों के लिए यह बेहद जरूरी खबर है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल में जारी नोटिफिकेशन में कहा है कि 26 मई से लेनदेन से जुड़े आयकर नियम में बड़ा बदलाव किया जा रहा है.
सीबीडीटी के अनुसार, अब एक साल में 20 लाख रुपये से ज्यादा के बैंकिंग लेनदेन के लिए पैन और आधार को अनिवार्य कर दिया गया है. बोर्ड ने मई की शुरुआत में नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि अब एक साल में 20 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा करने या निकालने के लिए ग्राहकों को अनिवार्य रूप से अपना पैन और आधार कार्ड पेश करना होगा.
पारदर्शिता बढ़ेगी, टैक्स चोरी रुकेगी
आयकर मामलों के जानकारों का कहना है कि इस कदम से टैक्स चोरी रोकने में सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि लेनदेन को लेकर यह नियम काफी पारदर्शिता बढ़ाएगा. साथ ही अब बैंकों, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव सोसाइटी को 20 लाख से ज्यादा के लेनदेन की जानकारी देनी होगी. इसके अलावा अब किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता अथवा कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी ग्राहक को अपने पैन और आधार की जानकारी देनी होगी.
पैन नहीं तो आधार से चल जाएगा काम
आयकर विभाग के मामलों में फिलहाल सभी जगह पैन का इस्तेमाल होता है. टैक्स पोर्टल पर अपना पैन कार्ड अपडेट करना हर करदाता के लिए अनिवार्य बनाया गया है. हालांकि, कल से लागू होने वाले नए नियम में ग्राहकों को कुछ छूट दी गई है .अगर कोई करदाता 20 लाख से ऊपर के लेनदेन में अपना पैन नहीं पेश कर पाता तो वह आधार दिखाकर ट्रांजेक्शन पूरा कर सकता है.
सीबीडीटी ने कहा है कि यह कदम सिर्फ टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा रहा है. अगर बैंक में ट्रांजेक्शन के समय किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान दे सकता है. टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि बड़े लेनदेन में पैन की डिटेल दिए जाने से टैक्स चोरी पर लगाम कसना आसान हो जाएगा और इससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी.
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