गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गाजियाबाद नगर निगम कूड़े (garbage) से सबसे अधिक कमाई वाला निगम बन गया है. गाजियाबाद नगर निगम ने घरों से निकलने वाले कूड़े को बेचना शुरू किया, इससे निगम को 22 लाख रुपये की कमाई हुई है. यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है, जो पूरी तरह से सफल रहा है. इससे गाजियाबाद नगर निगम को दोहरा लाभ हुआ. पहला कूड़े का निपटान शुरू हो गया है और दूसरा कमाई भी हो रही है.
गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के अनुसार पहले सूखे कूड़े को ऐसे ही दे दिया जाता था. लेकिन अब नियम में कुछ परिवर्तन करते हुए 3 महीने पहले एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई. इसके तहत सूखे कूड़े के रूप में इकट्ठा होने वाले एल्यूमिनियम के कैन, कांच की बोतल, गत्ता और कई तरह की अन्य प्लास्टिक और पॉलीथिन समेत बड़ी मात्रा में कूड़ा एकत्र होता है. जिले में यह सूखा कूड़ा करीब 750 मीट्रिक टन हर महीने निकलता है, जिसे बाजार में बेचकर 22 लाख रुपये प्रति माह की कमाई हो रही है.
समस्या बनी कमाई का जरिया
गाजियाबाद में घरों से निकलने वाला कूड़ा निगम के लिए सरदर्द बना हुआ था. इसे डंप करने के लिए जगह की समस्या आ रही थी, लेकिन गाजियाबाद नगर निगम ने इस कूड़े का समाधान खोज लिया है. इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया, जिसके चलते निगम ने गीले कूड़े से खाद बनाना शुरू किया और सूखे कूड़े को बेचकर अब कमाई करना भी शुरू कर दी है. कूड़े से हर महीने कमाई के लिए टेंडर छोड़ा जाएगा.
कमाई और बढ़ सकती है
गाजियाबाद नगर निगम के अनुसार हर महीने घरों से सूखे कूड़े के रूप में इकट्ठा होने वाले एल्यूमिनियम के कैन, कांच की बोतल, गत्ता और कई तरह की अन्य प्लास्टिक और पॉलीथिन समेत 750 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है. पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद अब नगर निगम ने इसे बाकायदा कंपनियों को टेंडर दिए जाने की योजना तैयार की है. इस तरह कूड़े से कमाई और बढ़ने की संभावना है.