भारत में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर में चले बढ़े गुप्ता भाइयों को भी नहीं पता था कि एक दिन वे दक्षिण अफ्रीका के सबसे ताकतवर लोगों में शामिल हो जाएंगे. यहां तक कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार में उनका सिक्का चलेगा. लेकिन ऐसा हुआ और भारत की यह फैमिली दक्षिण अफ्रीका की सबसे ताकतवर फैमिली में शामिल हो गई. लेकिन अब हालत यह है कि गलत कारणों से इस परिवार के दोनों भाइयों अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता को अबू धाबी में गिरफ्तार किया गया है. गुप्ता परिवार के अन्य सदस्यों पर देश छोड़कर भागने का आरोप है. इन भाइयों पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है. आइए जानते हैं आखिर क्या है गुप्ता भाइयों की कहानी…
ये तीन भाई हैं. अजय (50 साल), अतुल (47 साल) और राजेश (44 साल). इन सभी का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ. तीनों की पढाई लिखाई सहारनपुर में ही हुई. तीनों ने वहां के जेवी जैन कॉलेज से डिग्री ली. बड़े भाई अजय ने बी कॉम किया और फिर सीए का कोर्स कंपलीट किया. अतुल ने बीएससी की और कंप्युटर हार्डवेयर और असेंबलिंग का कोर्स किया. छोटे भाई राजेश ने बीएससी की. उन्होंने शुरू में पिता के कारोबार में हाथ बंटाया और फिर दक्षिण अफ्रीका चले गए.
1994 में गुप्ता ब्रदर्स ने 1.4 मिलियन रेंड से जो कंपनी करेक्ट मार्केटिंग शुरू की थी. वो महज तीन साल में 97 मिलियन रेंड की कंपनी में बदल गई. जिसके 10 हजार कर्मचारी थे. इसके बाद उनका बिजनेस बढता ही चला गया. 1994 में ही पिता के निधन के बाद करीब करीब पूरा परिवार दक्षिण अफ्रीका आ गया. मां अंगूरी को छोड़कर सभी ने दक्षिण अफ्रीका की नागरिकता ले ली.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में अतुल गुप्ता की कुल दौलत करीब 78 करोड़ यूएस डॉलर के करीब थी. कुछ मीडिया रिपोर्ट ने साल 2016 के जोहान्सबर्ग स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के आधार पर भी यह जानकारी दी है. इतनी दौलत के साथ वह दक्षिण अफ्रीका के 16वें सबसे अमीर शख्स थे.
अब तीनों गुप्ता भाई दक्षिण अफ्रीका में छाए रहते हैं. बड़ा कारोबार है. कई कंपनियां हैं. जोहांसबर्ग और केपटाउन में सैकड़ों एकड़ में फैला आलीशान विला है. वो अब कंप्युटिंग, माइनिंग, एयर ट्रेवल, एनर्जी, टैक्नॉलॉजी और मीडिया के बिजनेस में हैं. दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुूमा की एक बीवी, बेटा और कई रिश्तेदार उनकी कंपनी अहम पदों पर हैं. इसके अलावा जुमा सरकार के कई मंत्रियों के रिश्तेदार भी उनकी कंपनियों में आला पोजिशंस में हैं.
गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ मार्च में अचानक तब हवा बहने लगी, जब करीब 5 साल पहले देश के उप वित्त मंत्री ने मसोबीसी जोनास ने दावा किया कि गुप्ता ब्रदर्स ने ही मौजूदा पहले फाइनेंस मिनिस्टर नेने पद से हटाकर उन्हें इस पद पर बिठाने का भरोसा दिया था. इसके बाद जुमा सरकार संकट में आ गई. देश में गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ हवा बहने लगी. अजय पर ऐसे ही आरोप पहले भी लग चुके हैं. उन्होंने 2010 में भी एक सांसद को मंत्री बनवाने का आश्वासन दिया था. गुप्ता फैमिली पर दक्षिण अफ्रीका में बिजनेस हितों के लिए सरकार के अंदर मन मुताबिक भर्तियां करने का आरोप लगता रहा है.
उन पर आर्थिक भ्रष्टाचार के जो कई आरोप हैं, उनमें मुख्य आरोप गुप्ता भाइयों को अनर्गल तरीके से मदद पहुंचाने के अलावा निजी घर की खूबसूरती के लिए सरकारी खजाने में लाखों डॉलर का घपला है. संसद में उनके खिलाफ जब महाभियोग लाया गया था, तब तो वह बच गए लेकिन अब उनकी पार्टी ने आखिरकार उन्हें पद से हटाने में सफलता हासिल कर ली. जुमा के साथ गुप्ता परिवार को लेकर आमलोगों में इस कदर गुस्सा है कि जोहान्सबर्ग की सडक़ों पर ‘गुप्ता मस्ट फॉल’ के नारे लगाए जा रहे हैं.