नोएडा. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के करीब 2 लाख वाहनों को अभी नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway) पर राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है. करोड़ों रुपये की पेनल्टी और ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी के बावजूद एक बार फिर से एक्सप्रेसवे पर काम रुक गया है. साल 2021 से एक्सप्रेसवे पर रोड री सरफेसिंग (Road Resurfecing) का काम चल रहा है. अब बीते तीन दिन से फिर काम बंद पड़ा हुआ है. कंपनी का कहना है कि त्यौहार के चलते लेबर अपने-अपने गांव चली गई है. अब लेबर कब तक आएगी कुछ नहीं पता. जिसके चलते कंपनी को नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) की ओर से मिली 10वीं डेडलाइन 30 सितम्बर भी पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है.
नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने उठाए हैं यह कदम
रोड री-सरफेसिंग के दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर ट्रैफिक जाम न हो इसके लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने उस हिस्से में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं जहां री-सरफेसिंग का काम चल रहा है. ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम में 24 घंटे कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है. जैसे ही लगता है की ट्रैफिक की गति कम हो रही है और जाम लग सकता है तो फौरन ही उस एरिया के आसपास डयूटी दे रहे ट्रैफिक पुलिस के जवानों को इसका मैसेज दे दिया जाता है. मैसेज मिलते ही जवान मौके पर पहुंच जाते हैं.
सितम्बर तक चलेगा रोड री-सरफेसिंग का काम
नोएडा अथॉरिटी पहली बार नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे को री-सरफेसिंग की तकनीक के साथ दोबारा से बनवा रही है. इस तकनीक की मदद से सड़क को खुरचकर उसी वेस्ट मैटेरियल को दोबारा से इस्तेमाल कर सड़क को बनाया जाता है. 24 किमी के नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर नोएडा अथॉरिटी का हिस्सा 20 किमी का है.
जानकारों की मानें तो यह काम साल 2021 में बहुत पहले ही खत्म हो जाना था. लेकिन कंसट्रक्शन कंपनी की लेट लतीफी के चलते साल 2022 भी आ गया. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने अब कंपनी को अल्टीमेटम जारी करते हुए एक बार फिर 75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इससे पहले कंपनी पर 20-20 और 10, 22 और 25 लाख रुपये का जुर्माना लग चुका है.