ओणम का त्योहार (Onam) सौर कैलेडर के सिंह माह में उस दिन मनाया जाता है, जब थिरुवोणम नक्षत्र प्रबल स्थिति में होता है. ओणम मुख्यत: केरल, तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के राज्यों में मनाया जाता है. मलयालम सौर कैलेंडर के आधार पर ओणम चिंगम माह में मनाते हैं. इस साल ओणम का त्योहार आज 08 सितंबर दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है. यह अंग्रेजी कैलेंडर के सिंतबर माह और हिंदी कैलेंडर के भाद्रपद या आश्विन माह में मनाया जाता है. थिरुवोणम् नक्षत्र को हिंदी में श्रवण नक्षत्र कहते हैं. क्यों मनाते ओणम और क्या है मुहूर्त? यहां जानते हैं इसके बारे में.
ओणम 2022 तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, थिरुवोणम् नक्षत्र का प्रारंभ 07 सिंतबर दिन बुधवार को शाम 04:00 बजे से हुआ है. यह आज 08 सितंबर गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. ओणम थिरुवोणम् नक्षत्र में मनाते हैं, इसलिए आज ओणम का त्योहार मनाया जा रहा है.
हिंदू कैलेंडर के आधार पर देखें तो इस दिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी, जो रात 09 बजकर 02 मिनट तक है. त्रयोदशी तिथि के प्रतिनिधि देव भगवान शंकर हैं.
सुकर्मा और रवि योग में ओणम
ओणम का त्योहार रवि योग और सुकर्मा योग में है. ओणम के दिन रवि योग दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन 09 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा ओणम वाले दिन रात 09 बजकर 41 मिनट से सुकर्मा योग लग रहा है. जो अगले दिन तक रहेगा. ये दोनों ही योग शुभ माने जाते हैं.
क्यों मनाते हैं ओणम का त्योहार
ओणम का त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार और राजा बलि के दोबारा पृथ्वी पर आने के उत्सव में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि राजा बलि हर साल ओणम के समय पाताल लोक से पृथ्वी पर आते हैं. पाताल से पृथ्वी लोक की यात्रा के उपलक्ष्य में ओणम का त्योहार मनाते हैं.
वामन अवतार के समय भगवान विष्णु ने दान में तीन पग भूमि लेकर अपने भक्त बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया था. ऐसी मान्यता है कि ओणम के दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं और उनके घरों में जाते हैं. इसके उपलक्ष्य में लोग अपने घरों की सजावट करते हैं और अपने राजा के आगमन की तैयारी करते हैं.