पूरब का ‘ऑक्सफोर्ड’ कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की फीस चार गुना तक बढ़ गई है. जहां इसको लेकर एक तरफ स्टूडेंट्स सड़कों पर हैं, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का तर्क है कि काफी लंबे अर्से के बाद फीस में वृद्धि की गई है. बहरहाल, वास्विकता जो भी लेकिन अभी फीस को लेकर प्रयागराज में काफी गहमागहमी है.
किसकी कितनी फीस
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पहले बीए की फीस 975 रुपए लगती थी अब छात्रों को 3701 रुपए देने होंगे. इसी तरह बीकॉम करने के लिऐ पहले 975 रुपए लगते थे, अब इसे बढ़ाकर 3901 रुपए कर दिया गया है, जबकि बीएससी की फीस पहले 1125 रुपए थी जिसे अब बढ़ाकर 4151 रुपए कर दिया गया है. वहीं एमए, एमएमसी में लगने वाली 1375 -1961 रुपए की फीस को बढ़ाकर 4651 -6001 रुपए कर दी गई है. इसके अलावा बीटेक की 1941 रुपए की फीस को बढ़ाकर 5151 रुपए कर दिया गया है. इसके साथ ही एलएलबी की 1375 रुपए की फीस को बढ़ाकर 4651 रुपए कर दिया गया है.
छात्रों का विरोध, विश्वविद्यालय की दलील
फीस बढ़ोत्तरी को लेकर छात्रों में काफी आक्रोश है. तमाम छात्र संगठन व छात्र नेता इसका अपने-अपने तरीके से विरोध कर रहे हैं. इसी बीच इस पूरे मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय भी लगातार अपना पक्ष रख रहा है. विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रो जया कपूर चढ्ढा के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने 100 साल के बाद फीस में वृद्धि की है. उनका कहना है कि ट्यूशन फीस महज 12 रुपये सलाना थी, जिसे बढ़ाकर 50 रुपये किया गया है. उनका कहना है कि पुरानी फीस 900 रुपए के आस पास होती थी जो कि अब 3600-3700 रुपये के आस पास की गई है.