मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

RP, शहर और राज्य, NewsAbhiAbhiUpdated 19-09-2022 IST
 मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

 लखनऊ. कांशीराम-मायावती की बसपा ने अब युवा नेतृत्व की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. इसके लिए बसपा प्रमुख ने अपने भतीजे आकाश आनंद पर भरोसा जताया है. पार्टी में नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद अभी तक पर्दे के पीछे रहकर राजनीति कर रहे थे. 2019 में नेशनल कॉर्डिनेटर बनने के बाद अब उन्हें तीन राज्यों के चुनाव की कमान सौंपी गई है. ऐसे में बसपा में जहां युवा नेतृत्व की झलक दिखेगी, वहीं अब आकाश भी फ्रंट पर राजनीति करेंगे.

गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. इसको लेकर बसपा इन राज्यों में चुनावी तैयारियों में जुटी है. वहीं सितंबर के पहले हफ्ते में प्रदेश प्रभारी राम जी गौतम और नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद राजस्थान में बैठक करने पहुंचे। यहां दर्जनभर पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने पिछले चुनाव में टिकट वितरण में गड़बड़ी व पैसे के लेन देन का आरोप लगाकर हंगामा किया. साथ ही पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया. मामला बसपा प्रमुख मायावती तक पहुंचा. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद बसपा प्रमुख ने तीनों राज्यों के चुनाव की कमान भतीजे आकाश आनंद को सौंप दी. ऐसे में राम जी गौतम आकाश आनंद की देखरेख में इन राज्यों में संगठन और आगामी चुनाव का काम देखेंगे.

‘जय भीम मॉडल’ के जरिये का दक्षिण भारत पर जोर
यूपी-उत्तराखंड, पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा को हार का सामना करना पड़ा. दलित-ब्राह्मण-मुस्लिम कार्ड पर चुनाव लड़ने वाली बसपा ने अब यूथ पर फोकस करने की रणनीति बनाई है. इसके साथ ही जनाधार बढ़ाने के लिए दक्षिण भारत की ओर भी कदम बढ़ाया है. इसके लिए बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे व पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद को आगे किया है. आकाश आनंद ने यूथ कांफ्रेस 27 अगस्त को चेन्नई में की. इसमें जय भीम मॉडल पर फोकस किया गया. इसमें युवाओं के बीच दलित समाज की सामाजिक-आर्थिक भागीदारी की विचारधारा को धार दिया.

दिल्ली में मायावती ने 20 राज्यों की समीक्षा बैठक की
विधानसभा चुनाव हारने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहले यूपी की समीक्षा बैठक की. इसमें संगठन में फेरबदल किया। कई पद खत्म कर बूथ स्तर से लेकर जोनल स्तर तक नए सिरे से संगठन खड़ा करने के निर्देश दिए. इसके बाद जुलाई में मायावती ने दिल्ली की ओर रुख किया. यहां 10 जुलाई से करीब माह भर 20 से अधिक राज्यों की समीक्षा बैठक पार्टी पदाधिकारियों के साथ की.

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