शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीप जलाये, दुष्प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय

RP, ज्योतिष, NewsAbhiAbhiUpdated 19-09-2022 IST
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीप जलाये, दुष्प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय

 ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का अलग-अलग और विशेष महत्व बताया गया है. ग्रहों में शनि को कर्म के अनुसार फल देने वाला ग्रह माना जाता है. जो व्यक्ति अच्छा कर्म करता है उसे शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. वहीं जो व्यक्ति बुरे कर्म करता है उसे शनि देव उसके अनुरूप परिणाम देते हैं. आपके कर्मों के अनुसार आप धनवान होंगे या दरिद्र होंगे यह भी शनि देव ही तय करते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि की महादशा के बारे में वर्णन मिलता है जो 19 साल तक चलती है. इस दौरान आपके कर्मों के अनुसार ही आपको फल मिलता है. उसके लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं, हमें बता रहे हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

धन हानि के संकेत?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ घर में विराजमान हैं तो उस व्यक्ति को धन हानि होना निश्चित है. वहीं यदि शनि नीच राशि में या फिर सूर्य के साथ हो तब भी आर्थिक तंगी होती है. शनि के प्रतिकूल होने पर साढ़ेसाती या ढैया लगते ही आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इन सबके अलावा यदि कोई व्यक्ति बिना सलाह के नीलम धारण करता है, अशुद्ध आचरण रखता है, या बुजुर्गों का अपमान करता है तो व्यक्ति को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

कब बनाता है धनवान?

जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि अनुकूल हों और तीसरे, छठवें या ग्यारहवें भाव में हो तो इंसान आर्थिक रूप से बेहद मजबूत होता है. वहीं यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि उच्च का हो या फिर शनि स्वयं के घर में हों तो भी व्यक्ति पैसे वाला होता है. इन सबके अलावा यदि शनि विशेष अनुकूल हों, साथ में शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में कभी भी पैसे की कमी नहीं होती. इन सबके बीच माता पिता का आशीर्वाद होना भी बहुत जरूरी है.

शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय

  • जो व्यक्ति शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया में शनि के कुप्रभाव को झेल रहा है, उस व्यक्ति को शनिवार के दिन सबसे पहले पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना चाहिए.
  • इसके बाद पीपल के पेड़ की कम से कम तीन परिक्रमा करनी चाहिए.
  • परिक्रमा के बाद शनि देव के तांत्रिक मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए.
  • अंत में किसी निर्धन या जरूरतमंद व्यक्ति को सिक्कों का दान करना चाहिए.

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