अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे, सीएम पद के साथ-साथ अध्यक्ष बनना चाहते हैं

RP, राजनीति, NewsAbhiAbhiUpdated 22-09-2022 IST
अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे, सीएम पद के साथ-साथ अध्यक्ष बनना चाहते हैं

 नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में अशोक गहलोत और शशि थरूर के बीच मुकाबला होने के आसार हैं. माना जा रहा है कि राहुल गांधी के चुनाव में न शामिल होने की स्थिति में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की पहली पसंद होंगे और ऐसी स्थिति में शशि थरूर और उनके बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. एक ओर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तो लड़ना चाहते हैं, मगर दूसरी ओर वह राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को भी छोड़ना नहीं चाहते हैं. इस तरह अगर वह कांग्रेस अध्यक्ष बन जाते हैं तो उनके सामने उदयपुर संकल्प नामक बड़ी अड़चन होगी, जिससे उन्हें पार पाना होगा, क्योंकि उस संकल्प में ‘एक व्यक्ति और एक पद’ के सिद्धांत की बात कही गई है.

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी में दोहरी भूमिका निभाना चाहते हैं. वह राजस्थान के मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं. हालांकि, उदयपुर संकल्प की वजह से उनकी यह चाहत मुश्किल में पड़ सकती है. दरअसल, कांग्रेस ने इस साल मई में उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया था और इसमें पार्टी में बड़े बदलाव के लिए संकल्प पास किए गए थे. उदयपुर संकल्प में एक व्यक्ति, एक पद सिद्धांत वाला प्रस्ताव पास किया गया था और पार्टी के सभी नेताओं ने इन संकल्पों को लागू करने की शपथ ली थी.

क्या है उदयपुर संकल्प
उदयपुर संकल्प के मुताबिक, कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का सिद्धांत लागू होगा. इतना ही नहीं, इस संकल्प में एक परिवार, एक टिकट के नियम की भी बात की गई थी. हालांकि, हकीकत यह भी है कि कांग्रेस में ‘एक आदमी, एक पद’ नियम कभी लागू नहीं हुआ क्योंकि सचिन पायलट एक ही समय में डिप्टी सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दोनों रह चुके हैं. वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ भी ऐसा ही था. हालांकि, यह सब उदयपुर संकल्प के पहले की बात है. उदयपुर संकल्प के साथ सब बदल गया, जब यह तय किया गया कि संगठन में एक व्यक्ति और एक पद का सिद्धांत लागू होगा. इस तरह से अगर यह नियम लागू होता है तो निश्चित तौर पर अशोक गहलोत की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.

राहुल को मनाने की कोशिश करेंगे गहलोत
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के चुनावी समर में उतरने का स्पष्ट संकेत देने के कारण इसकी संभावना प्रबल हो गई है कि 22 साल बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिये चुना जाएगा. अशोक गहलोत ने दो टूक कहा कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे, लेकिन उससे पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का एक आखिरी प्रयास करेंगे.

तो क्या पायलट बनेंगे मुख्यमंत्री?
दूसरी तरफ, पहले से ही चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे लोकसभा सदस्य थरूर ने कांग्रेस के मुख्यालय में पहुंचकर पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री से मुलाकात की और नामांकन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल की.वैसे, कुछ अन्य नेताओं के भी चुनावी मैदान में उतरने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता. गहलोत ने दिल्ली में यह संकेत भी दिया कि वह अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अध्यक्ष बनने की स्थिति में अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ता है तो उनकी जगह किसे यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति में गहलोत चाहेंगे कि उनका कोई करीबी मुख्यमंत्री बने, हालांकि सचिन पायलट के करीबी नेताओं का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह जिम्मेदारी पायलट को सौंपी जानी चाहिए.

सोनिया से मिले थे गहलोत
अशोक गहलोत बुधवार शाम चार बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले. करीब दो घंटे की मुलाकात के बाद गहलोत ने कुछ नहीं कहा. हालांकि सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा की और कहा कि वह राहुल गांधी को मनाने का एक बार फिर प्रयास करेंगे. गहलोत आज यानी गुरुवार को केरल पहुंच रहे हैं, जहां वह राहुल गांधी से मुलाकात कर अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का आग्रह करेंगे और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होंगे.

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