राजधानी की हवा बेहद खराब हो चुकी है। ऐसे में लोगों को स्वस्थ रखने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है। ऐसे में जिला प्रशासन शहर में निर्माण कार्य और शहर में भारी वाहनों का प्रवेश रोक सकता है। निर्माण एजेंसियों को नियमित पानी का छिड़काव का निर्देश दिया जा सकता है। प्रदूषण बोर्ड के नियमों के अनुसार, जब भी किसी शहर की हवा में प्रदूषण की मात्रा 300 एक्यूआइ से ऊपर जाती है तो वहां की हवा खराब मानी जाती है। राजधानी में वर्तमान में कई दिनों से प्रदूषण का स्तर इससे ऊपर ही रह रहा है।
बेली रोड स्थित राजाबाजार के निकट समनपुरा में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। यहां गुरुवार की रात नौ बजे प्रदूषण 443 एक्यूआइ रिकार्ड किया गया। यह किसी भी शहर के लिए अत्यंत गंभीर स्थिति है। इसके अलावा राजधानी के तारामंडल, गांधी मैदान, पटनासिटी, बीआइटी सहित शहर के अधिकांश भागों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से बहुत ज्यादा रिकार्ड किया गया।
समनपुरा- 443
दानापुर- 348
गांधी मैदान-334
पटनासिटी-329
तारामंडल-326
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा.अशोक कुमार घोष का कहना है कि राजधानी में 300 एक्यूआइ या उससे अधिक प्रदूषण की मात्रा होने पर जिला प्रशासन कार्रवाई कर सकता है।
प्रदेश में पछुआ के कारण पांच दिनों तक तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। वहीं, तीन दिनों के बाद तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट के साथ ठंड में वृद्धि के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, 10.5 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा। वहीं, राजधानी के औसत न्यूनतम तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस के साथ 13.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी व इसके आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहेगा, वहीं धूप निकलने के साथ मौसम सामान्य हो जाएगा।