ग़ाज़ियाबाद. स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की रैंकिंग में गाज़ियाबाद प्रदेश का पहला और देश का 12 सबसे स्वच्छ शहर बना था. जिसमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ को भी गाज़ियाबाद ने पछाड़ दिया था. शहर को स्वच्छ रखने के लिए यहां कई सारी एक्टिविटीज़ भी होती रहती है. इसके बावजूद जमीनी हकीकत बहुत सारे सवालों कों खोज लाती है.
ये वही वार्ड है जो आज समस्याओं का अंबार बन गया है, सिर्फ इसलिए क्योंकि किसी भी अधिकारी या जन प्रतिनिधि ने यहां के लोगों की समस्या कों सुनना जरूरी नहीं समझा.
ये हैं वार्ड की समस्याएं
- सीवर का पानी पिछले कई वर्षो से ओवरफ्लो होकर घरों में जाता है. गंदे पानी से बुजुर्ग अपने घरों के बाहर नहीं बैठ पाते. बच्चें भी स्कूल जाने से कतराते है.
- कॉलोनी की मुख्य सड़क पर कूड़ाघर बना दिया गया है. यहां कूड़े के अंबार के सामने एक मंदिर है, जहां पहले भक्तों की भीड़ लगा करती थी, लेकिन अब गंदगी के कारण यहां कोई नहीं आता.
- शास्त्री नगर के ब्लॉक के पार्क में कई दिनों से छोटे जानवर मरे पड़े रहते हैं, शिकायत के बाद भी नगर निगम गाडी इन्हें उठाने नहीं आती. जिस कारण से गुजरते दिन के साथ तेज़ बदबू भी बढ़ती जाती है. ऐसे में निवासी गेट से उसकों ढक देते हैं.