छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय के लोगों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारायणपुर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया

RP, देश , NewsAbhiAbhiUpdated 22-12-2022 IST
छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय के लोगों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारायणपुर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया

 बस्तर: छत्तीसगढ़ में नारायणपुर जिले के कम से कम 14 गांवों के ईसाई समुदायों (Narayanpur Christian Community) ने 16 दिसंबर से अपने क्षेत्र के एक स्टेडियम और चर्च में शरण ली है. अज्ञात हमलावरों द्वारा कथित रूप से सुनियोजित हमलों के बाद उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना पड़ा है. आपको बता दें कि नारायणपुर जिला आदिवासी बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में आता है. डरे हुए इन ग्रामीणों ने इस सप्ताह जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें कहा गया कि अज्ञात हमलावरों ने लगभग 60 परिवारों को निशाना बनाया और उनमें से कुछ को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के कारण उनके घरों से जबरन निकाल दिया. नारायणपुर जिले में ईसाई समुदाय के लोगों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारायणपुर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया.

नारायणपुर क्रिश्चियन सोसाइटी के अध्यक्ष सुखमन पोटाई ने आरोप लगाया कि ईसाई समुदाय के ग्रामीणों पर हिंसा करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के बजाय, प्रशासन ने उन्हें कहीं और स्थानांतरित कर दिया होगा. बस्तर आईजीपी पी. सुंदरराज ने कहा कि पुलिस पीड़ित ग्रामीणों के संपर्क में है. बस्तर आईजीपी ने कहा,’नारायणपुर जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे को हल करने, क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई कर रहे हैं. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांव के बुजुर्गों और हितधारकों को विश्वास में लिया जा रहा है.’ नारायणपुर कलेक्टर को दिए अपने ज्ञापन में, ग्रामीणों ने कहा कि उनके साथ उनके धर्म के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है.

सबसे पहले अक्टूबर में कुछ गांवों में, जहां ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं, हमले की सूचना मिली थी. कलेक्टर को सौंपे अपने ज्ञापन में ग्रामीणों ने 26 नाम दिए हैं और उन पर हिंसा करने, समुदाय के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है. रायपुर में छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरोप लगाया गया कि हिंसा के कारण कई परिवार विस्थापित हुए हैं. हिंदू संगठन छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में क्रिश्चियन मिशनरियों पर आर्थिक प्रलोभन देकर धर्मपरिवर्तन कराने के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे आरोप मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा में भी गलते हैं.

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