देश की पहली रैपिड रेल यानी आरआरटीएस का संचालन का समय काफी करीब आ गया है. यही वजह है कि नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) चार-चार ट्रेनों का ट्रायल एक साथ शुरू करने जा रहा है. चौथी ट्रेन भी गाजियाबाद के दुहाई डिपो में पहुंच चुकी है. एनसीआरटीसी के अधिकारी के अनुसार संभावना है कि अगले माह से फाइनल ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा, जिससे मार्च 2023 तक इसका संचालन शुरू किया जा सके.
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है रैपिड रेल के दुलाई डिपो में पहुंचे चारों ट्रेन सेट का स्टेटिक और डायनामिक तकनीकी परीक्षण जारी है.जल्द ही फाइनल ट्रायल की तिथि निर्धारित कर ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि 7 मई 2022 को पहली आरआरटीएस ट्रेन की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंपी गई थी. तब से अब तक आरआरटीएस के चार ट्रेनसेट दुहाई डिपो पहुंच चुके हैं. मेक इन इंडिया के तहत देश की प्रथम रीजलन रेल के लिए 100 प्रतिशत ट्रेनसेट सावली गुजरात में स्थित एल्सटॉम (पहले बॉम्बार्डियर) के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में निर्मित किए जा रहे हैं.;
दिल्ली मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत करीब 82 किमी कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, इसमें गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर पर काम प्राथमकिता के आधार पर किया जा रहा है. इस पर ट्रैक और वायडक्ट का काम पूरा हो चुका है. इलेक्ट्रीफिकेशन का काम चल रहा है. प्राथमिक खंड में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन होंगे.
छह कोच की चलेगी रेल
आरआरटीएस कॉरिडोर पर प्राथमिक तौर पर चलाई जाने वाली ट्रेन 6 कोच की होगी. इसमें 5 स्टैंडर्ड और एक प्रीमियम क्लास कोच होगा. प्रत्येक स्टैंडर्ड क्लास कोच में एक तरफ 3 और प्रीमियम क्लास कोच में 2 दरवाज़े होंगे. इस हिसाब से पूरी ट्रेन में कुल 17 दरवाज़े होंगे. इसी आधार पर आरआरटीएस स्टेशनों के प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर फिलहाल 17 पीएसडी लगाए जाने का प्रावधान है.