अमृतपाल सिंह बार-बार भेष बदलकर पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसी को चकमा दे रहा

RP, शहर और राज्य, NewsAbhiAbhiUpdated 28-03-2023 IST
अमृतपाल सिंह बार-बार भेष बदलकर पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसी को चकमा दे रहा

 चंडीगढ़. “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख व खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के अब नेपाल भाग जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. यह इनपुट भी उन्हीं खुफिया एजेंसियों का है, जिन्हें यही मालूम नहीं था कि अमृतपाल अमृतसर के जल्लुपुर खेड़ा गांव में अस्थायी फायरिंग रेंज स्थापित और “आनंदपुर खालसा फौज” का गठन कर चुका था. अमृतपाल को पिछले 11 दिनों से पंजाब सहित कई राज्यों की पुलिस ढूंढ रही है और व अपराधी बनकर छिप नहीं रहा है. बल्कि अपने साथी पपलप्रीत के साथ पर्यटक बन कर घूम रहा है, सेल्फी ले रहा है, एनर्जी ड्रिंक पी रहा है. इतना सब होने के बाद पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठना स्वाभाविक हैं.

 

17 हजार से ज्यादा ड्रग तस्कर पकड़ चुकी है पंजाब पुलिस
पंजाब पुलिस की बात की जाए तो दावा है कि इसने एक साल में 17 हजार से ज्यादा ड्रग तस्कर, 168 आतंकवादी, 582 गैंगस्टर और 828 भगोड़ों को पकड़ा है. इस दौरान पुलिस ने  201 रिवॉल्वर/पिस्तौल, 9 टिफिन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), 8.72 किलोग्राम आरडीएक्स और अन्य विस्फोटक, 11 हैंड ग्रेनेड, डिस्पोज्ड़ रॉकेट लॉन्चर की दो स्लीव्स, 30 ड्रोन और एक लोडेड रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड बरामद करने के साथ 26 आतंकी मॉड्यूल्स का भंडाफोड़ किया है.

हालांकि 7 माह अपले आए भारत आए अमृतपाल ने पंजाब में पुलिस की नाक के नीचे तांडव किया और फिर पर्यटकों की तरह घूमता फिरता कथित तौर पर नेपाल जा पहुंचा. अब हालात यह है कि भारत सरकार को नेपाल से गुजारिश करने पड़ रही है कि उसे तीसरे देश भागने न दिया जाए.

कैसे तूल पकड़ गया मामला
मामला कत्ल या नरसंहार का भी नहीं था, सिर्फ  23 फरवरी को अजनाला में “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने साथी को छुड़ाने के लिए अपने समर्थकों के साथ एक पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था. जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया. इस घटना के बाद एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के हवाले से दि ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया कि अमृतपाल को पकड़ना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि उसे शहीद बनाए बिना इसे कैसे किया जाए?

पुरानी गलतियों से भी नहीं सीखी पंजाब पुलिस
एक महीने बाद पंजाब पुलिस अमृतपाल को बेनकाब करने और बदनाम करने में सफल रही है क्योंकि वह 18 मार्च से फरार है. हालांकि पुलिस को खुफिया जानकारी जुटाने नाकामयाब रहने पर सवालों के जवाब देने की जरूरत है.  यही नहीं पंजाब पुलिस को पिछली गलतियों से सीखने की जरूरत है. उदाहरण के लिए पुलिस गायक सिद्धू मूसेवाला के छह शूटरों को समय पर नहीं पकड़ सकी थी, हालांकि उनमें से चार अपराध स्थल से 10 किमी दूर खेतों में एक घंटे तक छिपे रहे थे. मुठभेड़ में मारे गए दो अन्य जगरूप सिंह उर्फ रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा हाईवे से बचकर लिंक रोड पर घूमते रहे थे.

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