आबकारी घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी

RP, नई दिल्ली , NewsAbhiAbhiUpdated 30-05-2023 IST
आबकारी घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी

 दिल्ली. आबकारी घोटाला मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. हालांकि अब मनीष सिसोदिया बेल के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

 
 
 
 
 
 
 
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दरअसल, आबकारी घोटाला मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. बता दें कि सिसोदिया ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत खारिज की गई थी.  सुनवाई के दौरान मंगवार को CBI ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप गम्भीर हैं. जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित करने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकत. हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि सिसोदिया के खिलाफ आरोप काफी गंभीर है और उनका व्यवहार भी सही नहीं रहा है. वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इनके पास 18 विभाग रहे हैं और वह पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके है. गंभीर आरोप के चलते जमानत नहीं दी जा सकती है. ऐसे में अब मनीष सिसोदिया को जेल में ही रहना होगा.

इससे पहले मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी की खराब सेहत का हवाला देते हुए बेल मांगी थी, लेकिन उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये पत्नी से बात करने की इजाजत दी गई थी. बाद में सिसोदिया बेल के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे.

CBI  ने किया विरोध

दिल्ली हाईकोर्ट में CBI ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया और जमानत याचिका रद्द करने की मांग की. CBI की तरफ से ASG SV राजू ने कहा कि यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया. प्रॉफिट मार्जिन 5 से 12% करने को लेकर कोई नोट मौजूद नहीं है. इसपर कोई चर्चा नहीं है. कुछ भी नहीं है.  फ़ाइल में ब्याज दरों में वृद्धि का कारण शामिल होना चाहिए. CBI ने कहा कि यह थोक विक्रेताओं को इतना लाभ क्यों दे रहे हैं? ताकि इसके बदले उन्हें रिश्वत मिल सके. CBI ने GOM की 22 मार्च की रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा कि बुचिबाबू की 20 मार्च की चैट से अगर इसका मिलान करें तो सब कुछ एक दम साफ हो जाएगा, दोनों में सीधा सम्बंध है. CBI ने कहा कि नीति का मसौदा वैसा ही तैयार किया गया जैसा साउथ ग्रुप चाहता था.

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