यूपी STF को मिली बड़ी सफलता
आजमगढ़ । उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को विगत काफी दिनों से फरार/पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में STF की विभिन्न इकाईयो/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था, जिसके अनुक्रम में निरीक्षक अमित श्रीवास्तव व निरीक्षक अतुल कुमार सिंह STF फील्ड इकाई वाराणसी के नेतृत्व में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि जनपद आजमगढ़ के थाना मेहनगर में भारतीय दंड विधान की धारा 364/302/201/120बी वांछित, 50–50 हजार रुपए पुरस्कार घोषित अपराधीगण अनिल यादव, दिनेश यादव उर्फ गोलू, बेलास यादव उर्फ राम बेलास यादव निवासीगण मालपार, थाना मेहनगर, जनपद आजमगढ काफी समय से फरार चल रहें है। इनके ठाणे (महाराष्ट्र) में लुकछिप कर रहने की सूचना STF फील्ड इकाई वाराणसी को प्राप्त हो रही थी। इस सूचना पर STF फील्ड वाराणसी की उक्त टीम उक्त सूचना को विकसित करते हुये अभियुक्तगण की गिरफ्तारी की प्रत्याशा में थाणे (महाराष्ट्र) पहुॅंची। इसी दौरान मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ कि उपरोक्त अपराधी वर्तमान में ठाकुर माल के अपोजिट बस स्टाॅप, काशीमीरा, जनपद ठाणे (महाराष्ट्र) के पास मौजूद हैं, यदि शीघ्रता की जाये तो पकडे़ जा सकते हैं। इस सूचना पर STF फील्ड इकाई वाराणसी टीम द्वारा मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंचकर अनिल यादव, दिनेश यादव उर्फ गोलू एवं बेलास यादव उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तगण से पूछतांछ एवं अभिसूचना संकलन से पाया गया कि बेलास यादव उर्फ रामबेलास यादव एवं अवधेश यादव के मध्य जमीन संबंधी विवाद को लेकर पुरानी रंजिश चली आ रही है। इसी रंजिश को लेकर वर्ष 2001 में बेलास यादव उर्फ रामबेलास यादव के बडे भाई मारकण्डेय यादव की हत्या अवधेश यादव आदि के परिवार ने कर दिया था। इस संबंध में अवधेश यादव, कमला यादव आदि के विरूद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया गया था। मारकण्डेय यादव की हत्या का बदला लेने के लिये मारकण्डेय यादव के लडके सतीश यादव आदि ने मिलकर वर्ष 2019 में अवधेश यादव की हत्या कर दी गयी थी, जिसके संबंध में अभियोग पंजीकृत हुआ था। अवधेश यादव हत्याकाण्ड के गवाहों आदि पर अभियुक्तगण द्वारा दबाव बनाने का प्रयास किया जाता रहा। इसी क्रम में वर्ष 2021 में अवधेश यादव के हत्याकाण्ड के वादी व गवाहों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से कैलाश यादव के ऊपर प्राणघातक हमला किये जाने आदि का पूर्व नियोजित ढंग से एक मुकदमा कैलाश यादव आदि द्वारा पंजीकृत कराया गया था, परन्तु पुलिस द्वारा विवेचना/जाॅंच से पाया गया कि कैलाश यादव द्वारा अपने ऊपर हमला गवाहों के फसाने आदि के उद्देश्य से सुनियोजित ढंग एक साजिश के तहत किया गया है तो इसमें कैलाश यादव आदि को ही अभियुक्त बना दिया गया। अवधेश यादव हत्याकाण्ड में राम दुलार यादव निवासी मालपार थाना मेंहनगर जनपद आजमगढ चश्मदीद गवाह थे, परन्तु अभी तक इनकी गवाही न्यायालय में नही हो पायी थी। गवाह राम दुलार यादव मालपार से थोडी दूर निहोरगंज बाजार में एक मेडिकल स्टोर था, जहाॅं आते जाते थे। 21 फरवरी 2023 को रामदुलार यादव अपने घर नही पहुचें और इनकी लाश अठगांवा काॅलेज के पास पायी गयी थी। इस संबंध में थाना मेहनगंज जनपद आजमगढ में धारा 364/302/201/120बी भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ था, जिसमें अनिल यादव, दिनेश यादव उर्फ गोलू, बेलास यादव उर्फ राम बेलास यादव निवासीगण मालपार थाना मेहनगर जनपद आजमगढ काफी दिन से फरार चल रहे थे, जिनके ऊपर आजमगढ पुलिस द्वारा 50 - 50 हजार रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। ये सभी थाणे (महाराष्ट्र) में लुकछिप कर रह रहे थे। उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तगण के ट्रांजिट रिमाण्ड के संबंध में अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।