शहर में संचालित ई-बस के सफर को और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की कवायद जारी है। इस कड़ी में मंडलायुक्त डॉ. राजेशखर ने मंगलवार की सुबह ई-बस में सफर किया तो खामियां सामने आने पर कार्रवाई के आदेश दिए। एक ई-बस में कंडक्टर ने पैसे लेकर भी यात्री को टिकट नहीं दिया तो दूसरे मामले में कंडक्टर गुटखा खाकर टिकट काटते मिला। मंडलायुक्त ने एमडी को दोनों परिचालकों की सेवाएं बंद करने के निर्देश दिए। वहीं दो चालक बगैर सीट बेल्ट पहने बस चलाते मिले तो एक माह के लिए डयूटी से हटाने और कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
शहर में संचालित ई-बसों में सुविधाओं की हकीकत जांच मंगलवार की सुबह मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर निकले। सबसे पहले उन्होंने बस नंबर यूपी 78 जीटी 3576 पर मोतीझील से यूनिवर्सिटी तक सफर किया। इसके बाद दूसरी बस नंबर यूपी 78 जीटी 3969 पर रामा डेंटल से गोल चौराहा तक यात्रा की। एक बस में कंडक्टर का मास्क मुंह से नीचे था और उसने यात्री से पांच रुपये लिये लेकिन टिकट नहीं दिया। यात्री ने टिकट मांगा तो कंडक्टर ने पांच रुपये और लेकर दस रुपये का टिकट जारी किया। वहीं दूसरी बस में कंडक्टर पूरी वर्दी में नहीं था और गुटखा खाकर टिकट दे रहा था। उन्होंने तत्काल सिटी बस के एमडी को दोनों कंडक्टर की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा मंडलायुक्त को ई-बसों में हेल्पलाइन नंबर लिखे नहीं मिले, रूट और स्टापेज की टिकट दरों का उल्लेख नहीं था। इसपर उन्होंने एमडी को दोनों कमियां दूर करने और एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा। सिटी बस सेवा को सीसीटीवी फुटेज की क्रासस चेकिंग के आधार पर निजी सेवा प्रदाताओं (ड्राइवरों और कंडक्टरों के सेवा प्रदाता) को भुगतान करने का निर्देश दिया। चालक और कंडक्टर का आचरण अच्छा पाए जाने पर ही वेतन निर्गत करने का निर्देश दिया। मंडलायुक्त ने सिटी बस सेवा के एमडी, आरएम, एआरएम को महीने में कम से कम एक बार निरीक्षण करने और खामियों को सुधारने के निर्देश दिए।