जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी और संचार के क्षेत्र में नित नए आयाम गढ़ रही है। सरकार की प्रगतिशील नीतियों और नवाचारों को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता ने राज्य को तकनीकी प्रगति के मानचित्र पर ऊंचा स्थान दिलाया है।
राजस्थान एआई पॉलिसी 2025-भविष्य की नींव रखने वाला कदम
जवाबदेह, नैतिक और समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में ऐतिहासिक पहल
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार जल्द ही ‘राजस्थान एआई पॉलिसी 2025’ को लागू करने जा रही है। इस नीति के तीन प्रमुख स्तंभ हैं- पहला, नैतिक और जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने के लिए सरकारी स्तर पर विशेष प्रयास किए जाएंगे। दूसरा, राज्य में कौशल विकास और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। तीसरा, मजबूत और व्यापक डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।
इसके क्रियान्वयन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एआई (सीओई-एआई) की स्थापना की जाएगी, जो स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर नवाचार को गति देगा। यह नीति नेशनल इंडिया एआई मिशन के साथ संरेखित है और वैश्विक सर्वाेत्तम प्रथाओं को अपनाने का प्रयास है।
एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी-रचनात्मक अर्थव्यवस्था का नया केंद्र बनेगा राजस्थान
एनिमेशन से एक्सटेंडेड रियलिटी तक, रोजगार और निवेश के नए अवसर
1000 करोड़ की लागत से बनेंगे अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलेरेटर्स
राज्य सरकार द्वारा जारी एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी ने राज्य को एनिमेशन, गेमिंग और विजुअल इफेक्ट्स जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में अग्रणी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। साथ ही, राज्य सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की लागत से चार अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलेरेटर्स की स्थापना का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ एग्रीकल्चर एक्सेलेरेटर मिशन की शुरुआत की गई है, जिससे तकनीक और कृषि का समावेश होगा।
डेटा सेंटर पॉलिसी-2025 से विकसित होगा विश्व स्तरीय डेटा सेंटर इकोसिस्टम
सूचना प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में निजी क्षेत्र में डेटा सेंटर्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी-2025 जारी की गई है। इस पॉलिसी का उद्देश्य राज्य में एक विश्व स्तरीय डेटा सेंटर इकोसिस्टम विकसित करना है एवं राजस्थान को डेटा सेंटर क्षेत्र में प्रमुख गंतव्य बनाना है। यह नीति राज्य में स्थापित होने वाले डेटा सेंटर्स की गतिविधियों की दक्षता, सुरक्षा और विश्वसनीयता को प्रभावी बनायेगी।
उद्यमियों के साथ एमओयू
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करे और राजस्थान को क्रिएटिव टेक्नोलॉजी का हब बनाया जा सके। साथ ही, इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रमुख उद्यमियों के साथ एमओयू के माध्यम से सहयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
भामाशाह स्टेट डेटा सेंटर-डिजिटल राजस्थान की रीढ़
देश का सबसे बड़ा सरकारी डेटा सेंटर, 99.995 प्रतिशत अपटाइम की गारंटी
राजस्थान स्टेट डेटा सेंटर (आरएसडीसी) देश का सबसे बड़ा सरकारी स्वामित्व वाला डेटा सेंटर है। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप यह सेंटर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। इसमें जयपुर में चार और जोधपुर में एक डीआर साइट सम्मिलित हैं। इसकी कुल क्षमता 800 रैक है, जिनमें आरएसडीसी-पी4 में 600 रैक के साथ टियर-4 डिजाइन उपलब्ध है, जो 99.995 प्रतिशत अपटाइम की गारंटी देता है। यह सेंटर जी2जी, जी2सी और जी2बी सेवाओं की प्रभावी उपलब्धता सुनिश्चित करता है, जिससे डिजिटल राजस्थान का सपना साकार हो रहा है। इसके माध्यम से डेटा प्रबंधन, केंद्रीय संग्रहण और आईटी संचालन की लागत में उल्लेखनीय कमी आई है।
भविष्य की सरकार, डिजिटल विजन के साथ
नवाचार, दक्षता और पारदर्शिता की राह पर राजस्थान
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग आमजन को राहत पहुंचाने और शासन की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए निरंतर नवाचार कर रहा है। चाहे एआई हो, एवीजीसी हो या डेटा प्रबंधन हर क्षेत्र में राजस्थान तकनीक के बल पर जनसेवा का नया अध्याय लिख रहा है।