निर्जला एकादशी करने मात्र से आपको सभी एकादशी व्रतों का पुण्य और फल प्राप्त होगा

RP, ज्योतिष, NewsAbhiAbhiUpdated 03-06-2022 IST
निर्जला एकादशी करने मात्र से आपको सभी एकादशी व्रतों का पुण्य और फल प्राप्त होगा

 ज्येष्ठ मा​ह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के रूप में जाना जाता है. इस वर्ष निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत 10 जून को रखा जाएगा. सभी एकादशी व्रतों में निर्जला एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस व्रत को करने मात्र से आपको सभी एकादशी व्रतों का पुण्य और फल प्राप्त हो जाता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बताते हैं कि इस वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत 10 जून शुक्रवार को प्रात: 07 बजकर 25 मिनट से होगा और इसका समापन 11 जून शनिवार को प्रात: 05 बजकर 45​ मिनट पर होगा. आइए जानते हैं कि सबसे कठिन निर्जला एकादशी व्रत में क्या करें और क्या न करें.

निर्जला एकादशी 2022 क्या करें
1. व्रत के एक दिन पूर्व से मांस, ​मदिरा, तामसिक भोज्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें. दशमी के दिन सात्विक भोजन करें.

 

2. दशमी के दिन तरल पदार्थ, पानी वाले फल और पानी का सेवन अधिक करें क्योंकि एकादशी को आपको बिना जल के व्रत रखना है. तभी तो इसका नाम निर्जला एकादशी व्रत है.

3. यह व्रत सभी एकादशी व्रतों का फल प्रदान करने वाला है, इसलिए आपको मानसिक तौर पर स्वयं को मजबूत रखना होगा. इस समय गर्मी ​अधिक है, जिसकी वजह से प्यास लगना स्वाभाविक है. ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत रखना बहुत कठिन है. यह मानसिक मजबूती और दृढ़ प्रतिज्ञा से ही संभव है.

4. निर्जला एकादशी व्रत को करने के लिए आत्म संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा.

5. व्रत वाले दिन जल से भरा हुआ कलश दान करें. प्यासे लोगों को पानी पिलाएं. वैसे भी ज्येष्ठ माह में जल दान करने से महापुण्य प्राप्त होता है.

6. यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो निर्जला एकादशी व्रत न करें क्योंकि यह बहुत ही कठिन व्रत है.

7. अपने घर की छत या खुले में किसी पेड़ के नीचे पशु-पक्षियों के लिए पानी और दाना की व्यवस्था करें.

8. इस दिन पूजा के समय निर्जला एकादशी व्रत कथा का श्रवण या पाठ जरूर करें. इससे व्रत का पुण्य फल प्राप्त होता है.

निर्जला एकादशी 2022 क्या न करें
1. निर्जला एकादशी व्रत में पानी न पीएं. पानी पीने से आपका व्रत टूट जाएगा. जल दान कर सकते हैं, लेकिन जल ग्रहण नहीं कर सकते हैं.

2. अपने घर पर आए किसी प्यासे व्यक्ति को बिना पानी पिलाएं न भेजें. संभव हो तो उसे भोजन भी कराएं.

3. अपने मन में किसी के प्रति द्वेष, घृणा, क्रोध न रखें. काम, मोह, लालच जैसी बुरी आदतों का त्याग कर दें.

4. इनके अलावा आप अन्य एकादशी व्रतों में जो भी काम या विचार को वर्जित रखते हैं, उसका अनुसरण इसमें भी करें.

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