नई दिल्ली. मुंबई में मॉनसून (Monsoon) दस्तक दे चुका है. इसके बाद अब उत्तर भारत के राज्यों में भी जल्द मॉनसून आने की संभावना जताई जा रही है. मॉनसून के दिल्ली पहुंचने से पहले दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियां (Civic Agency) इससे निपटने की तैयारियों में जोर शोर से जुटी हैं.
दिल्ली सरकार (Delhi Government) और दिल्ली नगर निगम (MCD) अपने अधीनस्थ नालों की सफाई में जुटी हुई हैं. दिल्ली नगर निगम का दावा है कि वॉटर लॉगिंग (Water Logging) की समस्या पैदा नहीं हो, इसके लिए 96 फीसदी नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया है. दिल्ली सरकार का दावा है कि लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ आने वाले 80 फीसदी नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया है. दोनों ही दावा कर रहे है कि बाकी नालों की सफाई का काम 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा.
एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली नगर निगम अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई का कार्य तेज़ी से कर रहा है. निगम ने नालों से गाद निकालने का कार्य भी सुचारू रूप से करते हुए 96 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है तथा बचा हुआ कार्य भी निर्धारित लक्ष्य 15 जून से पहले तय समय पर पूरा कर लिया जाएगा.
दिल्ली नगर निगम के पास नालों से गाद निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपकरण उपलब्ध हैं एवं इस कार्य को करने के लिए अनुभवी कर्मचारी क्षेत्र में तैनात हैं जिसके चलते दिल्ली नगर निगम इस कार्य को समय से एवं सुचारू तरीके से पूरा कर लेगा.
निगम अधिकारियों के मुताबिक अभी तक 688 नालों से 87,000 मीट्रिक टन से अधिक गाद नालों से निकाल ली है और गाद निकालने का कार्य पूरी प्रगति पर है. नालों से निकली गाद को लैंडफिल साइट पर भेजी जा रही है जिसकी निगरानी आर.एफ.आई.डी. टैग के माध्यम से की जाती है. यह पूरी प्रक्रिया पूर्णत कंप्यूटरीकृत होने के कारण इसमें मानवीय हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं रहती है.
दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी, डी.एस.आई.आई.डी.सी. और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग से भी अनुरोध किया है कि वे भी अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई समय से पूर्ण कर लें. सभी नालों के आपस में जुड़े होने के कारण भारी बारिश होने की स्थिति में नागरिकों को जलभराव की समस्या से न जूझना पड़े.