आषाढ़ माह का प्रारंभ आज 15 जून से हुआ है. इस माह में गुप्त नवरात्रि आने वाली है, जिसमें नौ महाविद्याओं और तंत्र शक्ति की पूजा करते हैं. पूरे साल भर में चार नवरात्रि आती हैं, इसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रमुख हैं. इनके अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं. गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि और घटस्थापना मुहूर्त के बारे में.
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ होता है. प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 29 जून दिन बुधवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक मान्य है. उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 30 जून दिन गुरुवार से होगा.
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 कैलेंडर
1. घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा: 30 जून, दिन गुरुवार
2. मां ब्रह्मचारिणी पूजा: 01 जुलाई, दिन शुक्रवार
3. मां चन्द्रघन्टा पूजा: 02 जुलाई, दिन शनिवार
4. मां कुष्माण्डा पूजा: 03, जुलाई, दिन रविवार
5. स्कन्दमाता की पूजा: 04 जुलाई, दिन सोमवार
6. मां कात्यायनी पूजा: 05 जुलाई, दिन मंगलवार
7. मां कालरात्रि पूजा: 06 जुलाई, दिन बुधवार
8. दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, सन्धि पूजा: 07 जुलाई, दिन गुरुवार
9. मां सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण: 08 जुलाई, दिन शुक्रवार
कलश स्थापना मुहूर्त 2022
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का कलश स्थापना 30 जून को होगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है. अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक है. अभिजीत मुहूर्त कलश स्थापना के लिए अच्छा माना जाता है.
वैसे सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है. गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग 01 जुलाई को 01:07 एएम से सुबह 05:27 एएम तक है.
कलश स्थापना के दिन राहुकाल दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक है. राहुकाल में शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.